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भाजपा को रोकने के लिए शरद पवार के घर जुटे विपक्षी दल

Update: 2018-01-30 00:00 GMT


-File Photo

नई दिल्ली, स्वससे। समाजवादी पार्टी और सीपीएम के कांग्रेस के साथ जाने से इंकार के बाद अब शरद पवार ने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है। 2019 में मोदी के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन तैयार करने के लिए विपक्षी दलों की बैठक दिल्ली में शरद पवार के घर हुई। पवार के घर हुई बैठक में सभी दल नहीं आ पाए, लिहाजा अगले हफ्ते यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की अध्यक्षता में सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। फिलहाल तो विपक्ष संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है लेकिनउसका असली मकसद 2019 के लिए मोदी के खिलाफ जाल बिछाना है।

जनवरी को मुम्बई में संविधान बचाने के नाम पर इकट्ठा हुए विपक्षी दल, दिल्ली में संसद में सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति के लिए मिले। शरद पवार के घर बैठक में शरद यादव, फारूख अब्दुल्ला, डी राजा और गुलाम नबी आजाद मौजूद रहे। हालांकि सपा, बसपा और तृणमूल कांग्रेस सहित कई दलों के नेता गैरमौजूद रहे।

इस बैठक में तय किया गया कि अगले हफ्ते सोनिया गांधी की अध्यक्षता में बड़ी बैठक होगी। इसमें सभी दल शामिल होंगे। बैठक में संसद में विपक्ष की संयुक्त रणनीति पर चर्चा हुई। प्रफुल्ल पटेल ने ये भी संकेत दिया कि आगे एक बड़े गठबंधन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। विपक्ष ,मोदी को घेरना चाहता है लेकिन इस संभावित गठबंधन में कई पेंच हैं। पवार के घर बैठक में सभी नेता नहीं पहुंचे। क्या टीएमसी और लेफ्ट साथ आएंगे?

क्या माया और अखिलेश साथ बैठेंगे? महाराष्ट्र और गुजरात में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली एनसीपी क्या भरोसे के लायक है? सूत्रों की माने तो कांग्रेस भी पवार के लीड लेने से खुश नहीं है इसलिए बैठक में आजाद ने सोनिया के नेतृत्व में अगले हफ्ते बैठक की बात रख दी। कांग्रेस ये संदेश देना चाहती थी कि अगर यूपीए है या इसका विस्तार होना है तो उसका नेतृत्व कांग्रेस के पास ही होना चाहिए।

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