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रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी पर म्यांमार और बांग्लादेश राजी

Update: 2018-01-18 00:00 GMT

वेब डेस्क। म्यांमार और बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी के लिए एक समझौता किया है जिसके तहत अगले दो साल में इनके स्वदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी होगी। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) के कुछ सदस्यों के संभावित प्रत्यर्पण के लिए सूचित किया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि गत 14 नवंबर को नई पीई ताव में आयोजित म्यांमार-बांग्लादेश केंद्रीय स्तर की बैठक में 1,300 से अधिक एआरएसए सदस्यों की एक सूची बांग्लादेश भेज दी गई थी।

इस बीच बांग्लादेश से विस्थापित म्यांमार निवासियों के प्रत्यर्पण पर दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के संयुक्त कार्यदल की पहली बैठक मंगलवार को नापी ताव में हुई थी। इस बैठक में 23 जनवरी से शुरू होने वाले प्रत्यावर्तन योजना पर सहमति जताई गई थी। म्यांमार के अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा कि एआरएसए के चरमपंथी आतंकियों ने पिछले साल 25 अगस्त को उत्तरी रखाइन में पुलिस चौकियों पर हमले किए थे। इनका मुख्य उद्देश्य मोंग्टाव जिले के कई इलाकों से बांग्लादेश के निवासियों को विस्थापित करना था। विदित हो कि म्यांमार 650000 मुसलमानों को देश में स्वीकार करने के लिए तैयार हो गया है। रखाइन शहर में हिंसा भड़कने के बाद से ही ये सभी बांग्लादेश भाग कर आ गए थे।

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