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आधार का सत्यापन अब ‘चेहरे’ से भी हो सकेगा

Update: 2018-01-15 00:00 GMT

नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सत्यापन के लिए आंखों की पुतली और अंगुलियों के निशान के साथ अब ‘चेहरे’ को अतिरिक्त पहचान की पुष्टि के उपाय के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है। ऐसा लोगों को बायोमैट्रिक पहचान में आ रही दिक्कतों को देखते हुए किया गया है। 

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एक जुलाई से देश में अन्य पहचान के साथ रजिस्टर्ड डिवाइस पर चेहरे से सत्यापन की सुविधा प्रदान कर दी जाएगी। अन्य सत्यापन संबंधी उपायों आखों की पुतली, अंगुलियों और ओटीपी के साथ ही इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। 

बयान में कहा गया है कि यह सुविधा जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराई जाएगी। जो लोग वृद्धावस्था, कठिन मेहनत करने या अंगुलियां घिसने के चलते अंगुलियों के निशान के माध्यम से बायोमेट्रिक तरीके से सत्यापन नहीं करवा पा रहे, यह नई सुविधा उनके लिए मददगार साबित होगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में यूआईडीएआई ने आधार की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं दूर करने के लिए हाल ही में 16 अंकों का ‘वर्चुअल आईडी’ लाने का एलान किया।

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