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अमेरिका में भारतीय समुदाय हार्वे तूफान पीड़ितों की सहायता करने आगे आया

Update: 2017-09-08 00:00 GMT

ह्यूस्टन। अमेरिका में आए हार्वे तूफान में सबसे अधिक ह्यूसटन और रॉकपोर्ट शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ। तूफन के दौरान भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में शहर के करीब 60 लाख लोग फंसे हुए थे। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य में अमेरिका के गैर सरकारी संगठन सेवा इंटरनेशनल, ह्यूस्टन चैप्टर और भारतीय समुदाय ने अपना उत्कृष्ट योगदान दिया।

एक युवा पेशेवर प्रीती कनिकर्ला अपनी 65 वर्षीया मां के साथ ह्यूस्टन में बाढ़ के दौरान अपार्टमेंट के जमीनी तल पर फंसी हुई थीं पानी का जलस्तर बढ़ रहा था। उन्होंने रेडियो पर घोषणाएं सुनीं और सेवा के हॉटलाइन पर फोन किया। सेवा के स्वयं सेवक वहां तुरंत पहुंच गए और उन्हें अपार्टमेंट प्रथम तल पर पहुंचाने में उनकी मदद की।

प्रीती कहती है, “ कठिन घड़ी में आपसे जो मुझको मदद मिली उसके लिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।” सेवा इंटरनेशनल के ह्यूस्टन चैप्टर के अध्यक्ष गीतेश देसाई ने कहा, “ कठिन घड़ी में ह्यूस्टन के लोग पूरी मजबूती के साथ राहत कार्यों में हाथ बंटाए और बिना भोजन और पानी के बाढ़ में फंसे हजारों लोगों की मदद के लिए बड़ी संख्या में सामने आए। इन लोगों ने राहत और बचाव कार्य में तत्परता के साथ समन्वय स्थापित किया। ”

विदित हो कि कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और धर्मस्थलों ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए। भारतीय रेस्तरां और परिवारों ने ताजा भोज्य पदार्थों के पैकेट्स तैयार किए और सेवा इंटरनेशनल ने इसे जरुरतमंदों तक पहुंचाया।
विदित हो कि ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में करीब दो सौ भारतीय छात्र बाढ़ में फंसे हुए थे। उनके अपार्टमेंट का प्रथम तल पानी में डूब चुका था। सेवा के स्वयं सेवकों ने उन्हें द्वितीय या तृतीय तल तक पहुंचाने में मदद की।

देसाई ने कहा कि बड़े भारतीय संगठन जैसे इंडिया हाउस, इंडो अमेरिकन चैरिटी फउंडेशन और इंडो अमेरिकन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी ने सेवा इंटरनेशनल के जरिए भारतीय समुदाय के राहत कार्य में समन्वय स्थापति किया।

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