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सिपाही करते थे प्रधान आरक्षक रामलखन की पिटाई, इसलिए की थी आत्महत्या

Update: 2017-09-07 00:00 GMT

25 लाख रुपए की थी उधारी,पैसा वापसी का था दबाव
सरकारी क्वाटर में आत्महत्या की थी रामलखन ने 

-मृतक रामलखन 

ग्वालियर। पांच सितम्बर को ठाटीपुर थाना के प्रधान आरक्षक रामलखन ने अपने सरकारी मकान में आत्महत्या की थी। इसके पीछे 25 लाख रुपए से ज्यादा की उधारी थी जोकि रामलखन ने थाने के सिपाहियों से व्यापार में इनवेस्ट करने के लिए ले रखी थी। वह यह पैसा आलू को खरीदने और बेचने में लगाता था। सिपाहियों को उसने मोटे ब्याज का लालच देकर यह रकम ली थी। सूत्रों के अनुसार जब सिपाहियों का पैसा वापसी करने में आनाकानी करने लगा तो सिपाही उसकी थाने में ही पिटाई करते थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अन्य अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी थी।

पुलिस के अनुसार रामलखन ने अपने थाने के सिपाहियों को तीन प्रतिशत से ज्यादा ब्याज का लालच देकर लाखों रुपए की रकम उधार ली थी। इन पैसों को वह आलू के व्यापार और चिटफंड कम्पनी में लगाता था। सिपाही भी ब्याज के चक्कर में अपनी रकम देकर फंस गए थे। जब लंबा समय हो गया तो सिपाहियों ने पैसा वापसी की मांग की तो उसके टालने पर कई बार उसकी पिटाई भी कर दी थी। जब पैसा वापसी का दबाव ज्यादा बढ़ने लगा और सिपाही परेशान करने लगे तो रामलखन ने प्रताड़ना से तंग आकर सरकारी मकान में आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने अपने परिवार को ससुराल भेज दिया था। पुलिस जांच में कई लोगों से पूछताछ कर रही है। 

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