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समाज सेवा ही जीवन का लक्ष्य - डॉ. प्रवीण अग्रवाल

Update: 2017-09-02 00:00 GMT

युवा व्यवसायी और चेम्बर के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल से
स्वदेश की बातचीत

ग्वालियर/स्वदेश डिजिटल/अरविन्द माथुर। मेरे जीवन का लक्ष्य समाजसेवा है और इसी को लेकर में लगातार आगे बढ़ रहा हूं। किसी भी व्यक्ति के दुख और विपत्ति में उसका सहभागी बनकर उसकी मदद करने से मुझे काफी सुकून मिलता है। उसकी हर संभंव सहायता के लिए मैं सदैव तत्पर रहता हूं। यह कहना है समाजसेवी,युवा व्यवसायी और चेम्बर आॅफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ग्वालियर के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल का। स्वदेश डिजिटल (www.swadeshnews.in) से विशेष चर्चा के दौरान अपने जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आज उन्हें लोग बिजली विभागसे सम्बन्धित विभिन्न नियम-कायदों के विशेषज्ञ के रूप में भी उन्हें जानते हैं। इन नियमों की विशेष जानकारी हासिल करने के पीछे के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में उनकी फर्म पर बिजली विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए गलत बिलिंग की चूंकि इससे पहले ही मैं वर्ष 1996 में चेम्बर से जुड़ चुका था और इस दौरान जब भी कभी व्यापारियों के साथ कुछ भी गलत हुआ तो उसका विरोध करना मेरे स्वभाव में शामिल था, इसके चलते मैं इस कार्रवाई को भी सहन नहीं कर सका और इसके लिए अन्य लोगों को साथ लेकर लड़ाई लड़ी जिसमें हमें जीत मिली। यहां से मेरे मन में समाज सेवा के प्रति भावना और प्रबल हो गई और मैने अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए लोगों की मदद करना शुरू कर दिया।

एक प्रश्न के जवाब में डॉ. अग्रवाल ने बताया चंूकि मैं कॉमर्स विषय का छात्र रहा हूं और मेरी पृष्ठभूमि व्यवसायिक परिवार से है, मेरे पिता गोपालदास जी अग्रवाल पिछले 50 वर्ष से चेम्बर के सदस्य हैं। मैं स्वयं पिछले 21 वर्ष से चेम्बर से जुड़ा हुआ हूं। इसके चलते व्यापारियों की समस्याओं के समाधान को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मैं आगे बढ़ा। इसके चलते मैं अपनी प्राथमिकताओं में पहले नम्बर पर व्यापारियों व आमजन की समस्याओं को ही लेता हूं, इसके बाद क्रमश: व्यापार, परिवार और नाते रिश्तेदार आते हैं जिनकी जिनके सुख-दुख में काम आना मुझे अच्छा लगता है। एक अन्य प्रश्न के जवाब में डॉ. अग्रवाल का कहना था कि आज मैं जिस मुकाम पर हूं, यह बुजुर्गों के आशीर्वाद का ही प्रतिफल है। इसके लिए वह लोग भी धन्यवाद के पात्र हैं जिनके सहयोग और स्नेह ने मुझे यहां तक पहुंचाया।

समाज सेवा के लिए कानून की जानकारी आवश्यक

एक प्रश्न के जवाब में डॉ. अग्रवाल ने बताया चूंकि समाजसेवा को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है,इसके लिए कानून की जानकारी भी होना चाहिए, इसलिए उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की जिससे किसी मामले को समझने में काफी मदद मिलती है। इतना ही नहीं व्यापारिक क्षेत्र से आने के कारण पीएचडी में रिसर्च के लिए इसी से जुड़ा विषय (विभिन्न रोजगार योजनाओं का विश् लेषणात्मक अध्ययन)को चुना। ताकि उन्हें इस क्षेत्र में कोई समस्या का सामना ना करना पड़े।

अब तक किया इन क्षेत्रों में काम

डॉ. अग्रवाल ने आज जिस मुकाम पर हैं। इसकी शुरूआत वर्ष 1996 में उन्होंन चेम्बर की सदस्यता के साथ की। इसके पश्चात वर्ष 2000 में चेम्बर के कार्यकारिणी सदस्य बने, 03 में कोषाध्यक्ष 11 में अपनी लोकप्रियता और व्यापारियों की स्रेह के चलते निर्विरोध उपाध्यक्ष चुने गए तो वर्ष 2015 के चेम्बर चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल कर मानसेवी सचिव चुने गए और वर्तमान में इस पद पर काबिज रहते हुए व्यापारियों की समस्याओं को प्राथमिकता से लेकर उनका समाधान कर रहे हैं। वहीं इस बीच वह राज्य सलाहकार समिति सदस्य तथा विद्युत निगरानी उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

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