लखनऊ। सपा के एमएलसी अशोक वाजपेयी ने सभापति पद से आज इस्तीफा दे दिया। एमएलसी की सदस्यता छोड़ने वाले वाजपेयी सपा के चौथे नेता बन गए हैं। इससे पहले सरोजनी अग्रवाल ने अचानक पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता छोड़ी दी थी।
हम आपको बता दें कि डा.सरोजनी अग्रवाल के इस्तीफे से मेरठ सहित वेस्ट यूपी की राजनीति में सपा को करारा झटका लगा है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने की भी घोषणा कर दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के गठन के बाद से डा.सरोजनी अग्रवाल पार्टी की कार्यकर्ता बनी।
खबरों के अनुसार, अशोक वाजपेयी की भाजपा में जाने की तैयारी है। हाल ही में सपा के नेता बुक्कल नबाव, यशवंत सिंह व सरोजनी अग्रवाल विधान परिषद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा बसपा के जयवीर सिंह ने भी एमएलसी सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। अशोक वाजपेयी का विधान परिषद में कार्यकाल 30 जनवरी 2021 तक था। अशोक वाजपेयी ने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से कहा कि सपा में नेता जी (पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव) की उपेक्षा हो रही थी। जिसने पार्टी को खड़ा किया, उसी की उपेक्षा हो रही है। इस कारण वह खासे आहत थे। हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने नेताओं के भाजपा में जाने के सवाल पर कहा था कि जिनको जाना है तो जाएं लेकिन बहाना न बनाएं। अगली बार उनकी सरकार बनेगी। सूत्र बताते हैं कि सपा के एमएलसी मधुकर जेतली व राम सकल गूर्जर भी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो सकते हैं।