SwadeshSwadesh

मेक इन इंडिया से 43 लाख बुनकरों को मिला रोजगार

Update: 2017-08-07 00:00 GMT


इंदौर। विश्व में हथकरघा उत्पादों का 95 प्रतिशत उत्पादन भारत में ही होता है और इस उद्योग में करीब 43 लाख बुनकरों को रोजगार मिला है। 7 अगस्त सन 1905 के स्वदेशी आंदोलन की याद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हथकरघा के लोकव्यापीकरण और बुनकरों को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिये 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाना शुरू किया है। अब मेक इन इण्डिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से बुनकर लाभ लेने लगे हैं। युवा बुनकर डिजिटल इण्डिया के तहत आनलाइन बिजनेस भी कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में एक दिन खादी के वस्त्र पहनने के लिये प्रेरित भी किया है। इन समग्र प्रयासों से निश्चित ही बुनकरों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा। यह बात सोमवार को तृतीय राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर विधायक महेंद्र हार्डिया के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने कही।

सोमवार को बुनकर सेवा केंद्र द्वारा क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय के सहयोग से इंदौर में आयोजित इस कार्यक्रम में एम.एस.एम.ई. विकास संस्थान के निदेशक वीरेंद्र शर्मा, महेश्वर की हथकरघा विकास समिति के अध्यक्ष अजीज अंसारी, विधायक प्रतिनधि मुन्ना अंसारी और जिला हथकरघा कार्यालय के पूर्व सहायक संचालक प्रदीप पाटनी विशेष अतिथि थे।

हार्डिया ने आष्टा, चंदेरी, महेश्वर और इंदौर के बुनकरों को सम्मानित करते हुए कहा कि युवा बुनकर बहुत अच्छ कार्य कर रहें हैं। सूचना प्रौद्योगिकी और नई तकनीक के जरिये वे हथकरघा के आधुनिकीकरण में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभायेंगे। एम.एस.एम.ई. विकास संस्थान के निदेशक शर्मा ने बुनकरों से कहा कि वे प्रिंटिंग की नई-नई डिजाइन के लिये उनके संस्थान प्रशिक्षण की व्यवस्था कर सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि वैश्विक बाजार में बने रहने के लिये व्यक्तिगत नहीं बल्कि समूह बनाकर संगठित होकर कार्य करें। पाटनी ने कहा कि मध्य प्रदेश में हथकरघा के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होने बुनकरों के लिये पेंशन योजना शुरू करने की भी वकालत की। मुन्ना अंसारी ने सरकारी खरीद में हथकरघा के उत्पाद खरीदने पर बल दिया।

महेश्वर के बुनकर अजीज अंसारी ने बताया कि महेश्वर में करीब 13000 बुनकर हथकरघा क्षेत्र में काम कर रहे हैं। हथकरघा के विकास के लिये भारत सरकार से बहुत उम्मीद है। सबका साथ सबका विकास, स्वच्छता जैसे ही हथकरघा के लिये भी प्रोत्साहन नारा दिया जाना चाहिये। अंसारी ने आनलाइन खरीद में महेश्वरी साड़ियों की डुप्लीकेट साड़ियां बेचे जाने पर रोक लगाने की भी गुजारिश की। सहायक निदेशक मधुकर पवार ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहल की है कि केंद्रीय कर्मचारी सप्ताह में एक दिन खादी के वस्त्र पहनें। यदि इस पर अमल होता है तो लाखों कर्मचारियों के लिये बड़ी मात्रा में खादी के वस्त्रों की जरूरत होगी। इससे खादी की देश के भीतर ही बहुत अधिक मांग बढ़ेगी।

बुनकर सेवा केन्द्र ने कार्यक्रम स्थल पर हथकरघा और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन भी किया। मुख्य अतिथि हार्डिया ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया, बुनकरों से चर्चा की, उनकी समस्याओं को सुना और निराकरण करने का आश्वासन दिया। हार्डिया ने आशुतोष यादव की महेश्वरी साड़ी की आनलाइन बिक्री के लिये बनाई गई वेबसाइट का शुभारम्भ भी किया।

Similar News