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इस्लाम और ईसाइयत से भी ज्यादा खतरनाक कम्युनिस्ट विचारधारा : जे नन्द कुमार

Update: 2017-08-23 00:00 GMT


लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केन्द्रीय टीम के सदस्य व प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नन्द कुमार ने बुधवार को लखनऊ में कहा कि कम्युनिस्ट विचारधारा इस्लाम और ईसाइयत से भी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत से पहले कम्युनिस्ट मुक्त भारत बनाना ज्यादा जरूरी है।

नन्द कुमार ने कहा कि ये तीनों विचारधारायें भारत के खिलाफ काम कर रही हैं। आज देश तीन प्रकार के आतंक मुस्लिम आतंकवाद, ईसाई आतंकवाद और कम्युनिस्ट आतंकवाद से जूझ रहा है। कश्मीर मुस्लिम आतंकवाद से जूझ रहा है। नार्थ ईस्ट ईसाई आतंकवाद से ग्रसित है और केरल कम्युनिस्ट आतंकवाद से पीड़ित है। कुमार ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग आतंकवाद है लेकिन केरल में तीनों प्रकार के आतंकवाद हैं। वहां पर ईसाई, इस्लाम और कम्युनिस्ट तीनों मिलकर हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे हैं।

कुमार ने कहा कि हमें कम्युनिस्टों से राजनीति करना सीखना चाहिए। सत्ता में आते ही वह अपने कार्यकर्ताओं पर लगे सारे मुकदमे तुरन्त हटा देते हैं। सारे प्रशासनिक अधिकारियों को तुरन्त बदलकर अपने आदमी बैठाते हैं। केरल में कांग्रेस भी कम्युनिस्ट पार्टी का सहयोग करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी कम्युनिस्टों के सहारे चलती है। इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत करने से पहले कम्युनिस्ट मुक्त भारत बनाना बहुत जरूरी है। यह विचारधारा सबसे खतरनाक विचारधारा है। यह विचारधारा इस्लाम व ईसाइयत को भी मजबूत करती है। यही कारण है कि सोनिया गांधी भी कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी को राज्यसभा भेजना चाहती हैं। वह कांग्रेस के बौद्धिक प्रमुख हैं। तीन तलाक के फैसले का कांग्रेस और मुस्लिमों ने सराहा लेकिन कम्युनिस्टों ने इसका विरोध किया।

कुमार ने कहा कि केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर जिस बर्बर तरीके से हमले ‘कम्युनिस्ट गुण्डे’ करते हैं उस तरह का अत्याचार दुश्मन देश पाकिस्तान के लोग भी नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि केरल के संघ कार्यकर्ता जो पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते थे उनके शरीर पर कम्युनिस्ट गुण्डों ने 86 वार किये थे। उनका चेहरा पहचान तक नहीं आ रहा था।

जे. नन्द कुमार ने बताया कि कम्युनिस्ट गुण्डों ने केरल में एक हजार परिवारों को अनाथ बना दिया है। कम्युनिस्टों ने 1948 में पहली बार केरल में संघ पर हमला किया था। अब तक कम्युनिस्टों ने केरल के 285 संघ कार्यकर्ताओं की हत्या की है। इसके अलावा 300 लोग इन हमलों में अपंग हो चुके हैं। इसी तरह करीब 400 लोग जेलों में बंद हैं।

कुमार ने कहा कि कम्युनिस्ट और कांग्रेसी दलित-दलित चिल्लाते हैं। अब तक केरल में जितने संघ कार्यकर्ताओं की हत्या कम्युनिस्टों ने की है, उनमें आधे से अधिक पिछड़े वर्ग से थे। इसके अलावा 45 से अधिक दलित कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इसलिए इस विषैली कम्युनिस्ट विचारधारा के बारे में लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि माओ, लेनिन और नक्सली सभी कम्युनिस्ट ही हैं। इनको अलग-अलग नहीं देखना चाहिए। देश के 83 जिले कम्युनिस्ट आतंकवाद से ग्रस्त हैं। ये लोग दक्षिण से लेकर नेपाल तक लाल गलियारा चाहते हैं।

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