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अफगानिस्तान में महिलाओं पर कॉमार्य परीक्षण पर रोक लगाने की मांग

Update: 2017-08-22 00:00 GMT

काबुल। अफगानिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने सरकार से महिलाओं पर किए जाने वाले कौमार्य परीक्षण पर रोक लगाने की मांग की है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।

आयोग का कहना है कि इस तरह के परीक्षण से महिलाओं को मानसिक परेशानी पहुंचती हैं। आयोग ने इसे यौन हिंसा की श्रेणी में रखा है। कौमार्य परीक्षण के दौरान यह जांचा जाता है कि महिलाओं का हायमन बरकरार है या नहीं।

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में पुलिस अक्सर उन महिलाओं को कौमार्य परीक्षण के लिए भेजती है, जो अपने साथी के साथ चली जाती हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस परीक्षण से गुजरने वाली महिलाओं को सामाजिक कलंक समझा जाता है।

मानवाधिकार आयोग की इस मांग पर पुलिस ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। अफगानिस्तान में कौमार्य परीक्षण से उन सभी महिलाओं को गुजरना होता है जो किसी भी तरह के अनैतिक बर्ताव के आरोप में गिरफ्तार की जाती हैं।

आयोग का तर्क है कि कौमार्य परीक्षण महिलाओं की मर्जी के ख़िलाफ़ किया जाता है, इसलिए यह किसी यौन शोषण से कम नहीं है। आयोग इसे मानवाधिकार हनन के रूप में भी देखता है।

आयोग ने यह भी कहा है कि चिकित्सकीय दृष्टिकोण से हायमन का बरकरार रहना महिलाओं के कौमार्य होने का सबूत नहीं हो सकता है। यह विभिन्न कारणों से नष्ट हो सकता है।

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