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2025 तक तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में आगे भारत

Update: 2017-07-09 00:00 GMT


नई दिल्ली।
चीन को पछाड भारत वैश्विक आर्थिक विकास की नई धुरी के रूप में उभरा है। हार्वर्ड यूनिवसिटी के एक नए अध्ययन में 2025 तक तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। यह अध्ययन हार्वर्ड यूनिवसिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डवेलपमेंट ने की है।

हम आपको बता दें कि 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यव्यस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। सेंटर फॉर इंटरनेशल डवलपमेंट ने कहा है कि अनुमान है 2005 तक भारत की अर्थव्यवस्था औसतन 7.7 प्रतिशत के हिसाब से विकास करेगी। सेंटर फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट ने इसके पीछे कई कारणों का उल्लेख किया है। इस स्टडी में कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी पिछले कुछ वर्षों में चीन से खिसककर भारत में पहुंच चुकी है। साथ ही स्टडी में कहा गया है कि यह आने वाले एक दशक से ज्यादा वक्त तक कायम रह सकती है। स्टडी में कई क्षेत्रों में विविधता और क्षमताओं के बेहतर इस्तेमाल को भारत की तेज विकास दर के लिए जिम्मेदार बताया है। साथ ही स्टडी में कहा गया है कि भारत ने अपने एक्सपोर्ट के आधार का विस्तार किया है और कई जटिल क्षेत्रों जैसे केमिकल्स, वीइकल्स और कुछ विशेष इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को इसमें शामिल किया है। स्टडी में तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि तेल पर निर्भर बडी अर्थव्यवस्थाआें में गिरावट हो रही है क्योंकी ये एक ही संसाधन पर निर्भर हे लेकिन भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम ने विविधता के लिए अपनी नई क्षमताओं को विकसित किया है और कई तरह के उप्तापदन की वजह से आने वाले सालों में उनका विकास तेजी से होने की संभावना है। साथ ही कहा गया है कि भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, यूगांडा और बल्गारिया जैसे तेजी से विकास की संभावनाओं वाले देश राजनीतिक, संस्थागत, भौगौलिक और जनसांख्यिकीय सभी आधारों पर विविधता वाले हैं।

सेंटर फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट की स्टडी में देशों को तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में उन देशों को रखा गया है जो थोडे से ही सुधार से अपने उत्पादों में विविधता ला सकते हैं। दूसरी श्रेणी में ऐसे देश हैं जिनके पास पर्याप्त क्षमताएं हैं कि वे आसानी से अपने ग्रोथ में विविधता ला सकते हैं। भारत, इंडोनेशिया और तुर्की को दूसरी श्रेणी वाले देशों में शामिल किया गया है। तीसरी श्रेमी में जापान, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश हैं जो करीब-करीब हर मौजूदा चीजों को उत्पादन करते हैं। इस श्रेणी के देशों की अर्थव्यवस्था धीमी रफ्तार से बढेगी।

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