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अवैध यात्रियों को तीन फार्म भरने पर आपत्ति

Update: 2017-07-05 00:00 GMT

-जीएसटी वसूली अब रेल यात्रियों व रनिंग स्टॉफ को पड़ रही है भारी

-जुर्माना भरने को तैयार

ग्वालियर। जीएसटी वसूली के लिए रेल मंत्रालय के कठिन नियम अब रेल यात्रियों और रनिंग स्टॉफ (कंडक्टर-टीटीई) पर भारी पड़ रहे हैं। अवैध यात्री किराया और जुर्माना भरने को तैयार हैं, लेकिन तीन फार्म भरने पर उन्हें भारी परेशानी है। इसके अलावा यात्री पांच के बजाए 10 फीसदी जीएसटी देने की बात पर झगड़े पर आमादा हैं। रेलवे ने सर्कुलर जारी करते हुए एक जुलाई से सभी वातानुकुलित श्रेणी एसी-1,2,3, एक्जीक्यूटिव व चेयरकार पर 5 फीसदी जीएसटी लागू कर दिया है। लेकिन वातानुकूलित श्रेणी में बगैर टिकट अथवा स्लीपर-जनरल टिकट पर यात्रा करने वालों से अलग तरीके से जीएसटी वसूला जा रहा है।

रनिंग स्टॉफ ने बताया कि नए नियम के तहत ऐसे यात्री से किराया व जुर्माना लेने के साथ पांच-पांच फीसदी अतिरिक्त जीएसटी (कुल 10 फीसदी जीएसटी) लिया जाएगा। इसके अलावा नए नियम में टीटीई-कंडक्टर जीएसटी के तीन फार्म यात्री से भरवाएंगे। फार्म के ऊपर का हिस्सा टीटीई भरेगा और नीचे का हिस्सा यात्री को भरना होगा। इसमें उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर व हस्ताक्षर करने होंगे। अशिक्षित यात्री के उक्त तीन फार्म टीटीई-कंडक्टर को भरने होंगे। यात्रियों का कहना है कि किराया-जुर्माना भरना ठीक है, लेकिन जीएसटी फार्म पर तमाम जानकारियां भरने में परेशानी हो रही है। इस समस्या से यात्री और रनिंग स्टॉफ दोनों परेशान हैं।

राजस्व का हो रहा  है नुकसान

जीएसटी की पर्याप्त वसूली न हो पाने के कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है। ट्रेनों में रनिंग स्टाफ को जीएसटी के फार्म नहीं दिए गए हैं। वहीं जिनको दिए गए हैं उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हिसाब लगाएं या फार्म भरवाएं

ट्रेनों में चलने वाले रनिंग स्टॉफ का कहना है कि जब कोच को चैक किया जाता है और कोई यात्री बिना टिकट या फिर सामान्य टिकट पर आरक्षित कोच में यात्रा कर रहा है तो यात्री को जुर्माना की राशि तो बता दी जाती है, लेकिन फार्म भरने में 10 से 15 मिनट का समय बर्बाद हो रहा है।  

जीएसटी के चक्कर में चैक नहीं हो पा रहे कोच

जीएसटी वसूली के चलते ट्रेनों में रनिंग स्टॉफ व यात्रियों के बीच नोकझोंक की घटनाएं हो रही हैं। इससे यात्रियों की नींद हराम हो रही है। रनिंग स्टॉफ की पहले से कमी है। ऐसे में जीएसटी के तीन फार्म भरने में वक्त जाया हो रहा है। इससे अधिकांश कोच चेक नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही कनफर्म बर्थ पर यात्रा करने वालों को परेशानी हो रही है।

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