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एसआरटी जीरो टिल फार्मिंग : धान को एक बार रोपो बीस साल तक पाओ फसल 

Update: 2017-07-20 00:00 GMT
 

  ग्वालियर। आज देश में विभिन्न कारणों से किसानों को खेती करने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर संभाग के किसानों को धान कि उन्नत फसल तकनीक से अवगत कराने हेतु रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा सचिन तेंदुलकर मार्ग स्थित सारदा बालग्राम में रायगढ़ महाराष्ट्र से आये जीरो टिल फार्मिंग के विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश भडसावले एवं अनिल जी द्वारा एसआरटी जीरो टिल फार्मिंग तकनीक के प्रत्यक्ष प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. सिंह ने कृषि के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा की कृषि विषय को स्कूलों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाएगा जिससे आने वाली पीढ़ी को कृषि के बारे में जानकारी अच्छे से मिल सकें क्योंकि अगर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में अत्यधिक परेशानी आएगी। यदि अभी ध्यान नहीं दिया तो फिर विकट स्थिति से आदर्श स्थिति में वापस आना मुश्किल होगा। वर्तमान में मिट्टी में कार्बन की मात्रा 403 पीपीएम है जो कि आदर्श से कहीं अधिक हैं इसलिए जीरो टिल फार्मिंग मात्रा कम करने के लिए अच्छा विकल्प है।
 
श्री चंद्रशेखर भडसावले एवं श्री अनिल जीरो टिल फार्मिंग का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण देते हुए।  
 
कार्यक्रम के प्रमुख तकनीक विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश भडसावले एवं अनिल जी ने यहां के किसानों को मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए उन्नत तकनीक - जीरो टिल फार्मिंग से चावल की खेती को एक बार रोपने से लेकर फसल की कटाई के बाद पुनः 20 साल तक बिना रोपाई, गारा, कम खर्चे और कम तकलीफ उठाते हुए और साथ ही खेती की भूमि पर फसल की उपज लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की इस विशेष तकनीक से धान की खेती से जुड़े किसान एवं कृषि विद्यार्थियों को सारदा बालग्राम के खेत में एवं पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन स्वामी सुप्रदिप्तानंद जी ने किया एवं इस विशेष अवसर पर उप संचालक, कृषि- मप्र सरकार डॉ. आनंद बडोनिया, रोजगार निर्माण बोर्ड चेयरमैन के ओएसडी डॉ. आर. डी. मांडवकर, विवेक तोमर, आलोक तोमर सहित लगभग 70 किसान विशेष रूप से उपस्थित थे।
 

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