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नोटबंदी के बाद से आयकर विभाग के निशाने पर है इतने लाख लोग

Update: 2017-07-15 00:00 GMT



नई दिल्ली।
नोटबंदी के दौरान बैंकों में अधिक धन राशि जमा कराने वाले करीब 6.60 लाख लोग आयकर विभाग के निशाने पर हैं जिन्हें मौका दिया गया है कि वह अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

ऑपरेशन क्लीन मनी (ओसीएम) के दूसरे चरण में आयकर विभाग (आईटीडी) ने वित्तीय लेन-देन (एसएफटी) के विवरण के तहत प्राप्त जानकारी का इस्तेमाल कर 5.56 लाख नए लोगों की पहचान की है। ये ऐसे व्यक्ति हैं जिनके कर प्रोफाइल को नोटबंदी के दौरान जमा राशि के साथ मिलान के दौरान असंगत पाया गया था।
ओसीएम के पहले चरण में ई-सत्यापन के दौरान सभी बैंक खातों का खुलासा न करने वाले 1.04 लाख अन्य लोगों की पहचान भी की गई है। पहले चरण में, बड़ी नकदी जमा करने वाले 17.92 लाख व्यक्तियों ई-सत्यापन के लिए पहचान की गई थी, जिनमें से 9 .72 लाख लोगों ने ऑनलाइन प्रतिक्रिया प्रस्तुत की थी।
पहचान पत्रों और खातों के संबंध में जानकारी आयकर पोर्टल पर पैन धारक की ई-फाइलिंग विंडो में उपलब्ध कराई गई है। पैन धारक पोर्टल के अनुपालन खंड के तहत नकद लेनदेन 2016 लिंक का उपयोग कर जानकारी देख सकते हैं।
करदाता आयकर कार्यालय जाए बिना ऑनलाइन अपना विवरण जमा कर सकते हैं। सभी पहचान किए गए व्यक्तियों को ऑनलाइन प्रतिक्रिया के लिए ईमेल और एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जा रहा है।

आयकर विभाग का कहना है कि बैंक खातों में 2 लाख या इससे अधिक की कुल नकदी जमा कराने वालों को आयकर रिटर्न (आईटीआर) में इसका विवरण देना आवश्यक है। यह जानकारी आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के साथ मेल कराई जाएगी। ।

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