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उत्तरप्रदेश विधानसभा: सुरक्षा में सेंध लगाने वाले कौन ?, एनआईए जांच की मांग

Update: 2017-07-14 00:00 GMT



लखनऊ।
यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद हडकंप सा मच गया है। ज्ञातव्य है कि 12 जुलाई को विधानसभा में संदिग्ध सफेद पाउडर मिलने के बाद उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। फॉरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि विधानसभा में मिला संदिग्ध पाउडर विस्फोटक पीईटीएन है। पीईटीएन दुनिया के पांच सबसे खतरनाक विस्फोटकों में से एक है। योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुरक्षा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। साथ ही उन्होनें कहा कि विधानसभा में विस्फोटक मिलना चिंता का विषय है। योगी ने इस मामले में एनआईए जांच की मांग की है। योगी ने सभी विधायकों से अपील की है कि कोई भी विधायक विधानसभा में फोन लेकर ना आए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई फोन लेकर आता है तो उसे साइलेंट फोन पर रखे। योगी ने कहा कि पूरे विधानसभा को उडाने के लिए मात्र 500 ग्राम विस्फोटक की आवश्यकता है।

ज्ञातव्य है कि विधानसभा में 150 ग्राम विस्फोटक एक पुडिय़ा में मिला है। योगी ने कहा कि किसी एक व्यक्ति विशेष के लिए सुरक्षा में कोई छूट नहीं दे सकते हैं। योगी ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि यहां पर जो कर्मचारी काम करते हैं, उनका पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि सदन में आने पर हर किसी की सुरक्षा होनी चाहिए, इस सुरक्षा में सेंध लगाने वाले कौन हैं इसकी जांच होनी चाहिए। जो भी इसके पीछे हैं उनकी जांच होनी चाहिए। योगी ने कहा कि देश की सबसे बडी विधानसभा होने के बावजूद भी यहां सुरक्षा उस स्तर की नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा में बिना पास के वाहनों की एंट्री बंद होनी चाहिए, विधानसभा में क्यूआरटी टीम होनी चाहिए।

बता दें कि यूपी विधानसभा स्पीकर ह्रदयनारायण दीक्षित ने भी इस मामले में एनआईए जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि विधानसभा के सभी गेटों पर फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे, इसके अलावा सभी पुरानी गाडियों के पास भी रद्द किए जाएंगे।

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