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एनजीटी ने दी चेतावनी, गंगा में कचरा डालना पड़ सकता है महँगा

Update: 2017-07-13 00:00 GMT

नई दिल्ली। एनजीटी ने उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तरप्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के तट से 100 मीटर तक के क्षेत्र को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया है। एनजीटी ने कहा कि गंगा नदी के तट से 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का कचरा डंप नहीं होना चाहिए। एनजीटी ने ये भी कहा कि गंगा नदी में कचरा डंप करने वाले किसी को भी 50 हजार रूपए का पर्यावरण जुर्माना देना होगा।

बता दें कि सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि उत्तरप्रदेश को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए चमड़े के कारखानों को जाजमउ से उन्नाव अथवा किसी भी अन्य स्थान जिसे राज्य उचित समझता हो, वहां छह सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करना चाहिए। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को गंगा और उसकी सहायक नदियों के तटों पर धार्मिक  क्रियाकलापों के लिए दिशानिर्देश बनाने के लिए कहा।

जानकारी मिली है कि एनजीटी ने 543 पन्नों वाले अपने फैसले के पालन की निगरानी करने और इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए पर्यवेक्षक समिति का भी गठन किया। इसके अलावा एनजीटी ने 35 थर्मल पावर स्टेशनों को नोटिस जारी किया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अपनी याचिका में इन स्टेशनों पर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं होने का आरोप लगाया था।

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