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आईएएस के बाद अब आईपीएस के स्थानांतरण की बारी

Update: 2017-06-27 00:00 GMT

परिवहन से विदा होंगे आयुक्त और अपर आयुक्त!

ग्वालियर, न.सं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण की सूची जारी हो जाने के बाद अब प्रदेश के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों की बड़ी सूची जारी होना तय माना जा रहा है। परिवहन विभाग में तीन साल से अधिक समय से जमे परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव और अपर आयुक्त विजय सूर्यवंशी का विदा होना अगली स्थानांतरण सूची में तय माना जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग में आईपीएस शैलेन्द्र श्रीवास्तव की परिवहन आयुक्त के पद पर और आईपीएस विजय सूर्यवंशी की अपर आयुक्त के पद पर पदस्थापना के बाद से ही शासन को परिवहन विभाग में आरटीआई एवं कर्मचारियों की पदस्थापनाओं, बैरियर में अवैध वसूली, बसों के परमिट जारी करने में दलाली, बिना परमिट के बसों का संचालन और क्षमता से अधिक भरे हुए वाहनों को अवैध रूप से निकाले जाने की शिकायतें लगातार मिलती रहीं। शिकायतों के संबंध में दोनों ही वरिष्ठ अधिकारियों को बार-बार चेतावनी दी गई, लेकिन हालात नहीं सुधरे। परिवहन विभाग में बैरियरों पर ट्रक-डम्पर चालकों से अवैध वसूली कर किए जा रहे भारी भ्रष्टाचार की खबर जब केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को लगी तो वहां से राज्य सरकार को अवैध वसूली को सख्ती से बंद कराने के निर्देश दिए गए।

केन्द्रीय परिवहन मंत्री की ओर से मिले निर्देशों के बाद परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने करीब तीन माह पूर्व परिवहन आयुक्त को फटकार लगाते हुए बैरियरों से तुरंत कटर हटाकर, अवैध वसूली को पूरी तरह बंद करने के निर्देश दिए थे। इस फटकार का असर यह हुआ कि रातों रात कटर हटा लिए गए। बैरियरों पर अवैध वसूली नियंत्रित तो हुई लेकिन पूरी तरह बंद नहीं हुई। अधिकारियों ने बैरियरों पर ऐसे कर्मचारियों को पदस्थ किया है जो अवैध वसूली में माहिर हैं। वाहन चालक और मालिक इस कारण खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि यह कर्मचारी वाहनों में छोटी-छोटी कमियां बताकर अथवा चालक द्वारा परिवहन नियमों का उल्लंघन किए जाने, शासकीय कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार करने जैसे झूठे आरोप लगाकर बड़ी चालानी अथवा वाहन जब्ती करने जैसी कार्रवाई की धमकी दी जाती है। ऐसी स्थिति में वाहन चालक चुपचाप अवैध रूप से मांगी जा रही राशि देकर चलते बनते हैं।

परिवहन विभाग में भारी भ्रष्टाचार से परेशान राज्य सरकार शीघ्र ही इन दोनों अधिकारियों को परिवहन विभाग से हटाकर किसी पुलिस विभाग में पदस्थापना देने पर विचार कर रही है।

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