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राष्ट्रपति चुनाव : सुषमा स्वराज ने विडियो जारी कर मीरा कुमार पर साधा निशाना

Update: 2017-06-25 00:00 GMT


नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार पर निशाना साधा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा की पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान अप्रैल 2013 का अपना अनुभव साझा करते हुए यूपीए सरकार के दौरान लोकसभा स्पीकर रहीं मीरा कुमार पर इशारों में पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने एक पुरानी न्यूज रिपोर्ट को ट्वीट किया, जिसमें कहा गया है कि स्पीकर ने सुषमा स्वराज को 6 मिनट के भाषण में 60 बार टोका। इसके बाद उन्होंने इसका विडियो भी शेयर किया। 

यूपीए सरकार के दौरान सामने आए घोटालों को लेकर विपक्ष मनमोहन सरकार पर हमलावर था। संसद ठप चल रही थी। बजट से संबंधित चार बिलों को पास कराना अनिवार्य था। इसलिए सर्वदलीय बैठक में विपक्ष को इसके लिए मनाया गया। 30 अप्रैल को भाजपा ने सदन से वॉकआउट का फैसला किया था। बाहर जाने से पहले सुषमा स्वराज ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'सत्ता पक्ष के लोग कहते हैं कि विपक्ष गैर जिम्मेदाराना है। अखबार लिखते हैं कि 15वीं लोकसभा में संसद में सबसे कम कामकाज हुआ है। संसद का कामकाज इसलिए नहीं ठप रहा कि विपक्ष गैर जिम्मेदाराना है, बल्कि इसलिए ठप रहा है कि यह सरकार आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। हर सत्र से पहले सरकार का नया घोटाला सामने आता है। हर घोटाला दूसरे का रेकॉर्ड तोड़ता है।' हंगामे के बीच सुषमा लगातार सरकार पर सवाल उठाते हुए विपक्ष की सही ठहराती हैं। करीब 3 मिनट तक लोकसभा स्पीकर उनकी बातों को ध्यान से सुनती हैं। इसके बाद मीरा कुमार लगातार विपक्ष की नेता को धन्यवाद कहते हुए बैठने को कहती हैं, लेकिन सुषमा का बोलना जारी रहता है।


इस घटना के बाद सुषमा स्वराज ने लोकसभा अध्यक्ष की सभी बैठकों के बॉयकॉट की घोषणा कर दी थी। गौरतलब है कि इससे पहले भी दोनों नेताओं के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं थे। सुषमा ने कई बार उन पर भेदभाव और पक्षपात का आरोप लगाया था।यह पहला मौका है जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मीरा कुमार पर भाजपा की ओर से किसी वरिष्ठ नेता ने सीधा वार किया गया है। एनडीए ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि अब तक विपक्ष की ओर से ही संसद में आरक्षण पर रामनाथ कोविंद के बयान को मुद्दा बनाने की रणनीति बनाई गई थी। 

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