- ट्रेनों में भी खाकी की गुंडई, टीटीई परेशान
- आरक्षण या सामान्य टिकट के बिना पुलिस कर्मी करते हैं ट्रेनों में यात्रा, टीटी के विरोध करने पर मारपीट पर उतारु हो जाते हैं पुलिस कर्मी
ग्वालियर। भले ही खाकी वर्दी पर कानून- व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा है, लेकिन वर्दीधारी ही स्वयं अपनी गुंडई दिखाकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ट्रेनों में बिना आरक्षण कराए और बिना सामान्य टिकट लेकर पुलिस कर्मी यात्रा करते हैं, यदि टीटी पुलिस कर्मी का विरोध करता है तो मारपीट पर उतारु हो जाते हैं। ट्रेनों में पुलिस कर्मियों की खुली गुंडई चल रही है। टीसी की मानें तो पुलिस कर्मी किसी फर्जी मामले में जेल भिजवाने तक की धमकी दे डालते हैं। ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले जीआरपी के जवान भी पुलिस कर्मियों की गुंडई का बचाव करते हैं। पुलिस कर्मी टीसी के साथ अभद्र व्यवहार और जेल भेजने की धमकी देते हैं तो जीआरपी भी पुलिस कर्मी को डांटने के बजाय टीसी को शांत बैठा देते हैं। टीसी से जीआरपी के जवान कहते हैं कि तुम्हारी जेब से क्या जा रहा है, यदि पुलिस कर्मी मुफ्त में यात्रा कर लेंगे। कुछ ऐसा ही नजारा अमृतसर से झांसी जा रही ट्रेन के एसी कोच में देखने को मिला। जिसमें एक खाकी वर्दीधारी ने बिना टिकट होने के बाबजूद पकड़े जाने पर जमकर हंगामा काटा। जिसकी सूचना पर पहुंची आरपीएफ ने उसे पकड़ लिया और कार्रवाई की। मंगलवार को अमृतसर से नांदेड़ जा रही अमृतसर नांदेड़ एक्सप्रेस के कोच एसी-1 में एक खाकी वर्दीधारी हंगामा कर रहा था। जिस पर टीटीई ने जब खाकी वर्दी वाले से टिकट मांगा तो उसने रौब दिखाकर टीटीई से अभद्रता कर दी। चंूकि ट्रेन ग्वालियर से पास हो चुकी थी जिसके बाद टीटीई ने इस मामले की जानकारी झांसी आरपीएफ को दी। सूचना को गंभीरता से लेते हुए आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। शिकायत के आधार पर आरपीएफ ने उक्त खाकी वर्दीधारी को उतार लिया। व जुर्माना वसूला।
रेलवे को राजस्व में होता है नुकसान
पुलिस कर्मियों के मुफ्त में यात्रा करने से रेलवे को हर साल लाखों रुपये का घाटा हो रहा है। यदि इस मामले में जीआरपी और रेलवे सख्त हो तो पुलिस कर्मियों से पैसे वसूल कर रेलवे के विकास कार्यो में लगाया जा सकता है।
जीआरपी को अधिकार
ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आॅन डयूटी जीआरपी के जवान ही ट्रेनों में सफर कर सकते हैं। इनको किसी प्रकार के आरक्षण या सामान्य टिकट की आवश्यकता नहीं होती है। इनके अलावा जो भी पुलिस कर्मी यात्रा करते हैं तो पूरी तरह से गलत है।
परिवार के साथ भी करते हैं यात्रा
सूत्रों की माने तो कुछ पुलिस कर्मी तो अपने परिवार के साथ मुफ्त में यात्रा करते हैं। तब भी किराया नहीं देते हैं। पुलिस वालों की तानाशाही के खिलाफ रेलवे भी कार्रवाई करने में अक्षम है।
नहीं होती कार्रवाई
पुलिस कर्मियों के मुफ्त यात्रा करने की शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। रेलवे और जीआरपी के समन्वय से पुलिस कर्मियों के मुफ्त यात्रा पर रोक लग सकती है, लेकिन टीटीई की शिकायतों को अनदेखा कर दिया जाता है, अब तो टीटीई ने शिकायत करनी भी बंद कर दी है।
इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा कब्जा
* भोपाल एक्सप्रेस, एसी एपी एक्सप्रेस, ताज एक्सप्रेस, बरौनी मेल, कर्नाटक एक्सप्रेस
इनका कहना
बीच-बीच में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ट्रेनों में चैकिंग अभियान चलाया जाता है और उस दौरान ऐसा कोई मामला पाया जाता है तो स्टेट पुलिस के वरिष्ठ अधिकाािरयों को अवगत कराया जाता है।
विजय कुमार
सीपीआरओ
अगर हमारे पास कोई शिकायत आती है तो हम उचित कार्रवाई करते हैं।
पंचम सिंह परिहार
जीआरपी थाना प्रभारी
ट्रेनों में टिकट चैकिंग टीटीई द्वारा की जाती है। अगर कोई व्यक्ति टीटीई को टिकट नहीं दिखाता है तो टीटीई आरपीएफ को मेमो बनाकर देती है उसके बाद आरपीएफ द्वारा कार्रवाई की जाती है।
आनंद स्वरूप पांडे
आरपीएफ निरीक्षक