अधूरी कार्रवाई से उठे सवाल

Update: 2017-05-23 00:00 GMT

मामला सराफा बाजार में हो रहे अवैध निर्माण का
ग्वालियर|
सराफा बाजार में नगर निगम की भूमि पर कब्जा कर उसके पीछे स्थित शहीद अमर चन्द्र बांठिया के दरबार हॉल को घेरने के प्रयास का मामला मीडिया में उजागर होने के बाद सोमवार को नगर निगम के मदाखलत अमले द्वारा इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई, लेकिन अमला आधी-अधूरी कार्रवाई कर मौके से निकल गया, जिससे इसे लेकर कई सारे सवाल खड़े हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि शहर के प्रमुख इलाके सराफा बाजार में साड़ी सरोवर के सामने स्थित वर्धमान भवन के समीप बाल भारती नामक विद्यालय संचालित होता है, जिसमें लगभग 50 वर्षों से दिव्यांग व निर्धन बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, विद्यालय के समीप ही शहीद अमर चन्द्र बांठिया का दरबार हॉल बना है, एवं पास में ही नगर निगम के आधिपत्य का लगभग सौ वर्ग फुट का एक चबूतरा भी निर्मित था। जिस पर पर वृहत्तर ग्वालियर वर्धमान स्थानक जैन श्रावक संघ के पदाधिकारियों द्वारा कब्जा कर बिना किसी अनुमति के दुकानों का निर्माण कर लिया गया था। इसके लिए एक रजिस्ट्री व नक्शा भी कब्जाधारियों द्वारा तैयार करवाया गया था। उक्त खबर को स्वदेश ने विगत् 21 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद नगर निगम प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को मदाखलत अमला मौके पर कार्रवाई करने पहुंचा। इस दौरान मदाखलत कर्मियों ने दुकान निर्माण कर लगाए गए शटर को उखाड़ने के साथ ही निर्माण किया गया कुछ हिस्सा भी ढहा दिया, लेकिन इसके पश्चात् अमला अधूरी कार्रवाई छोड़कर वहां से चलता बना। जिससे इस अधूरी कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं होती रहीं।

फिर निर्माण करने की आशंका
सराफा बाजार के बीचोंबीच नगर निगम की भूमि पर हुए इस अतिक्रमण एवं उस पर मदाखलत अमले द्वारा की गई आधी-अधूरी कार्रवाई से क्षेत्रवासियों में खासा आक्रोश नजर आया। लोगों का कहना है कि अमले द्वारा की गई यह अधूरी कार्रवाई से मिलीभगत साफ नजर आती है, जिससे कुछ दिनों बीतने पर कब्जाधारियों द्वारा पुन: इस पर निर्माण किए जाने की आशंका बनी हुई है।

कब्जाधारियों के खिलाफ बोलने से डरे व्यापारी
सराफा बाजार में हुए इस अतिक्रमण को लेकर यूं तो बाजार में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा, लेकिन जिन लोगों द्वारा नगर निगम की इस भूमि पर कब्जे का प्रयास किया गया था, वह जमीनी कारोबार से जुड़े हुए हैं और उनकी काफी ऊपर तक सेटिंग है, जिससे आम व्यापारियों में उनका खासा खौफ व्याप्त है, यही कारण है कि वह एकाएक उनके खिलाफ बोलने से कतराते नजर आए।

कब्जाधारी देते रहे सफाई
मदाखलत अमले द्वारा सराफा बाजार में की गई तोड़फोड़ से क्षेत्र का माहौल एकाएक गर्मा गया, तथा मौके पर काफी हुजूम जुट गया। चूंकि उक्त निर्माण के लिए न तो कहीं से अनुमति ली गई थी और जिस चबूतरे पर कब्जा कर दुकानों का निर्माण किया गया था, वह नगर निगम की है, इसलिए अधिक हंगामा न हो सका, लेकिन इस कार्रवाई के बाद कब्जाधारी पूरे बाजार में यह सफाई अवश्य देते नजर आए कि जमीन तो हमारी ही है, केवल अनुमति न होने के कारण कार्रवाई की गई है, और अनुमति हासिल कर शीघ्र ही इस पर पुन: निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

धीरे-धीरे देंगे कार्रवाई
को अंजाम
आधी-अधूरी तुड़ाई किए जाने के मामले पर जब नगर निगम के मदाखलत अधिकारी केशव सिंह चौहान से चर्चा की गई, तो उन्होंने यह तो माना कि जिस भूमि पर दुकानों का निर्माण किया गया है, वह निगम के आधिपत्य की है, लेकिन अधूरी कार्रवाई को लेकर उनका कहना था कि एकदम से वहां मैदान नहीं किया जा सकता, अत: धीरे-धीरे कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। वहीं कार्रवाई के बावजूद निगम की भूमि को मुक्त कराने में ढिलाई क्यों बरती गई, इस सवाल का वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।

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