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अब स्कूलों में भगवद् गीता की पढ़ाई हो सकती है अनिवार्य

Update: 2017-05-22 00:00 GMT

नई दिल्ली। केंद्र सरकार और राज्य सरकारे स्कूलों में योग शिक्षा अनिवार्य करने पर तो विचार कर ही रही है, साथ ही अब स्कूलों में भगवद् गीता पढ़ाने को लेकर भी सरकार तैयारी में है। इसकों लेकर एक विधेयक चर्चा के लिए अगले सत्र में संसद में लाया जा सकता है।

वहीं स्कूलों में भगवद् गीता की पढ़ाई नहीं कराने वाले संस्थानों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश वाला एक निजी विधेयक भी संसद में लाया जा सकता है। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की तरफ से पेश विधेयक में कहा गया है कि भगवद् गीता के सुविचार और शिक्षाएं युवा पीढ़ी को बेहतर नागरिक बनाएंगी और उनके व्यक्तित्व को निखारेंगी।

भगवद् गीता को अनिवार्य बनाने संबंधी विधेयक में कहा गया है कि हर शैक्षणिक संस्थान को गीता को अनिवार्य रूप से नैतिक शिक्षा के रूप में पढ़ाना चाहिए।
लेकिन यह अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू नहीं होता। लोकसभा में मार्च में पेश विधेयक में बिधूड़ी ने कहा कि समय आ गया है कि गीता की शिक्षाओं के प्रसार के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाएं।

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