सरकार ने गुरुवार को भगौड़े आर्थिक अपराधियों लोगों की संपत्ति को जब्त करने के लिए एक कड़े कानून का प्रस्ताव किया है। इसके पीछे मकसद विजय माल्या जैसे लोगों से निपटना है जो कानून से पकड़ से बचने के लिए देश छोड़कर चले गए हैं। भगौड़े आर्थिक अपराधी विधेयक, 2017 के प्रावधान संसद द्वारा पारित होने के बाद यह आर्थिक अपराधों से निपटने के मौजूदा कानूनों की जगह ले लेंगे।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि व्यापक रूप से यह माना जा रहा है कि ऊंचे मूल्य के आर्थिक अपराध करने वाले लोग कानूनी प्रक्रिया को धता बताते हैं। ऐसे में यह जरूरी समझा जा रहा है कि इस तरह की कार्रवाई पर अंकुश के लिए एक प्रभावी, तेज तर्रार और संवैधानिक रूप से मान्य कानून लाया जाए।
कानून के मसौदे के अनुसार भगौड़ा आर्थिक अपराधी से तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आर्थिक अपराध में गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है और वह व्यक्ति देश छोड़कर चला गया है तथा आपराधिक अभियोजन का सामना करने के लिए भारत आने से इनकार कर रहा है। इसमें आगे प्रस्ताव किया गया है कि कोई व्यक्ति भगौड़ा आर्थिक अपराधी है इसके लिए प्रमाण पेश करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।