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दिव्यांग की प्रतिष्ठा के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार : गहलोत

Update: 2017-05-17 00:00 GMT

 

नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार दिव्यांगों को समाज में विकास के समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। सरकार की मंशा है कि दिव्यांग सम्मान एवं प्रतिष्ठा के साथ अपना जीवन यापन कर सके।

गहलोत ने बुधवार को राज्यों के दिव्यांग कल्याण आयुक्तों की 15 वीं राष्ट्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि माेदी सरकार ने सत्ता संभालने के साथ ही दिव्यांगों पर विशेष ध्यान दिया था और उनको केंद्र में रखकर कई योजनाएं बनाई गयी हैं | परिभाषा में कई ऐसी शारीरिक और मानसिक अशक्तताओं को भी शामिल किया गया है जो पहले दिव्यांग की श्रेणी में नहीं थे । राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में विशेष रुप से दिव्यांग अधिनियम 1995 के क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए सरकारी भवनों को उनके आवागमन के अनुरूप बनाया जा रहा है और परिवहन प्रणाली में भी बदलाव किया गया है। दिव्यांगों को उनके अधिकारों के संबंध में जागरूक करने की जरुरत है। सरकार ने ऐसे प्रावधान किए हैं जिनसे दिव्यांग लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके और वे किसी पर निर्भर नहीं रहें ।

इस बैठक में मुख्य आयुक्त कमलेश पांडे, सचिव एन.एस. कांग, विकलांग सशक्तीकरण विभाग के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया और अपने अपने राज्यों में दिव्यांग कार्यान्वयन पर अपनी रिपोर्ट पेश की।

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