तीन तलाक प्रथा खत्म हुई तो सरकार लाएगी कानून

Update: 2017-05-15 00:00 GMT

नई दिल्ली। तीन तलाक के मामले में केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक प्रथा को पूरी तरह खत्म कर देती है तो सरकार इसके लिए कानून बनाएगी। इसके साथ ही कहा कि तीन तलाक प्रथा देश व इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार के खिलाफ है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे बहुविवाह और निकाह हलाला की भी समीक्षा होगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तीन तलाक मामले में पांच जजों की संवैधानिक पीठ के सामने अपना पक्ष रखा। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से निकाह, हलाला और बहुविवाह पर भी सुनवाई का आग्रह किया। कोर्ट ने कहा कि हमारे पास सीमित समय है। हालांकि, अागे इसकी समीक्षा होगी।

कोर्ट ने केंद्र से सोमवार को अपना पक्ष रखने को कहा था। अभी तक कोर्ट में दलीलें रखने वाले सभी पक्षों ने एक साथ तीन तलाक बोलने की व्यवस्था को खत्म करने की पैरवी की है। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ तीन तलाक की वैधानिकता पर विचार कर रही है।

इससे पहले 11 मई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा का विरोध करती है और महिला समानता व लैंगिग न्‍याय के लिए लड़ना चाहती है। हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील कपिल सिब्‍बल ने कहा कि तीन तलाक का मामला मुस्लिम बोर्ड के अंतर्गत आता है और इसलिए उनकी राय में सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए।

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