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क्या आप भी मंदिर में करते है ये गलतियां...

Update: 2017-04-05 00:00 GMT

मौजूदा समय में उत्साहित लोग मंदिरों में उस वक्त केक काटते है, जब जन्माष्टकी, राम नवमी या हनुमान अष्टमी जैसे त्योहारों का अवसर होता है। कुल मिलाकर भगवान का जन्मोत्सव लोग केक काटकर भी मनाने से गुरेज नहीं करते है। यही पद्वति मंदिरों में भी भगवान का जन्मोत्सव मनाने में अपनाने का कृत्य करने से भी लोग चूकते नहीं है। यह पूजा परंपराओं में विक्रति ही कही जाएगी। इसलिए ऐसा न किया जाना चाहिए।


भगवान के सामने या भगवान के मंदिर में केक काटना निहायत अनुचित है। ऐसा करना शास्त्रोक्त रूप से भी गलत है तथा इससे भगवान अप्रसन्न हो सकते है, इस बात का ध्यान लोग रखते नहीं है। केक काटना या दीप बुझाना अपशकुन है, हमारी भारतीय संस्कृति में जन्म दिन मनाने की खुशियां दीप प्रज्जवलित करने से मनाई जाती है, लेकिन कतिपय लोगों द्वारा मोमबत्ती बुझाकर जन्म दिन मनाया जाता है, यह अपशकुन का ही प्रतीक है।

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