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देश में तीस फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी: गडकरी

Update: 2017-04-02 00:00 GMT

नागपुर| केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश में तीस फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) फर्जी हैं। इसलिए अब ड्राइविंग लाइसेंस ई-गर्वनेंस के जरिए इलेक्ट्रानिक रूप से पंजीकृत किए जाएंगे।

गडकरी शनिवार को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि अब किसी भी आम या खास आदमी को बिना ड्राइविंग टेस्ट पास किए ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल सकेगा। लाइसेंस धारक की सारी जानकारी पूरे देश में उपलब्ध होगी। अब कोई भी कहीं भी फर्जी लाइसेंस नहीं बनवा पाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के लिए ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद लाइसेंस तीन दिन के अंदर जारी करना अनिवार्य कर देंगे। अगर आरटीओ ने तीन दिन के अंदर लाइसेंस जारी नहीं किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और कामकाज भ्रष्टाचार से मुक्त होगा।

उन्होंने बताया कि वाहन चलाने के 28 परीक्षा केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा 2000 और नए ड्राइविंग टेस्ट सेंटर खोले जाएंगे। साथ ही ट्रैफिक सिग्नलों पर भी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी हर सिग्नल पर कम की जा सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क हादसों में होने वाली पचास फीसदी मौतों के लिए इंजीनियर जिम्मेदार हैं। सड़कों की गलत बनावट चिंता का विषय है।

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