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गर्मी के तीखे तेवर से केडी हास्पिटल में बढ़ी मरीजों की संख्या

Update: 2017-04-19 00:00 GMT

मथुरा। लगातार बढ़ते तापमान ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को केडी मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में टायफाइड, डिहाइड्रेशन, फूड प्वाइजनिंग के मरीजों में काफी वृद्धि हुई। हास्पिटल के मेडिसिन विशेषज्ञ डा. गगनदीप का कहना है कि तापमान में लगातार हो रहे इजाफे को देखते हुए हम कुछ सावधानी बरत कर कई बीमारियों से बच सकते हैं।

डा. गगनदीप का कहना है कि गर्मी में दूषित पानी एवं खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों से बीमारियां होती हैं। साथ ही अनेक प्रकार के संक्रमण भी बड़ी तेजी के साथ फैलने लगते हैं। बढ़ती गर्मी से अजीब-सी घबराहट होती है और तेज बुखार के साथ उल्टियां होने का खतरा पैदा हो जाता है। पसीना ज्यादा आने से पानी की कमी होने का खतरा रहता है, जिससे लू लगने की सम्भावना बढ़ जाती है। गर्मी में लगातार पानी पीते रहें तथा भूखे पेट बाहर न निकलें। बाहर निकलते समय अपने साथ पानी रखें और धूप से बचाव के लिए छाता या सिर ढकने के लिए कोई न कोई अंगवस्त्र जरूर रखें।

फूड प्वाइजनिंग से रोगी को डायरिया और उल्टी जैसी तकलीफ होती है। फूड प्वाइजनिंग होने पर पानी में नींबू, नमक और शक्कर मिलाकर पीना फायदेमंद होता है लेकिन अगर लगातार उल्टी हो रही हो, उल्टी के दौरान खून आए, पेट में तेज दर्द हो, बोलने और दिखाई देने में तकलीफ हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

डा. गगनदीप का कहना है कि टायफाइड गर्मियों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में तेज बुखार आता है जो कई दिनों तक बना रहता है। यह बुखार कम-ज्यादा होता रहता है लेकिन कभी सामान्य नहीं होता। टायफाइड सल्मोनेला नामक एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। यह बैक्टीरिया प्रदूषित पानी और खाने की चीजों के सेवन से आंतों में जाकर वहां से रक्त में पहुंच जाता है। टायफाइड होने पर शुरू में हल्का बुखार रहता है जो धीरे-धीरे तेज होता जाता है। भूख कम लगना, उल्टियां आना, पेट दर्द, सिर दर्द और बदन दर्द इसके लक्षण हैं। रोग की गंभीर स्थिति में बेहोशी भी आ सकती है। टायफाइड से बचाव के लिए सबसे जरूरी है दूषित पानी व दूषित खाने की चीजों से परहेज करें, खुले और कटे हुए फल-सब्जियों को न खाएं और जहां तक हो सके ताजा भोजन ही करें। पानी और अन्य तरल पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। गर्मी में बच्चों की भी विशेष देखभाल करनी चाहिए।

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