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पुलिस के साथ एक्सप्रेस कर्मियों ने की मानवता शर्मसार

Update: 2017-04-11 00:00 GMT

-एम्बूलेंस की टक्कर में माँ के शव को लेकर जा रहे पति की हुई मौत
-तीन घंटे तक घायल अवस्था में पड़ा रहा बेटा व चालक
-चार घंटे बाद मिली एम्बूलेंस से माता-पिता के शव लेकर युवक हो सका पंजाब रवाना

मथुरा। सरकार भले ही कितने भी प्रयास करे लेकिन प्रशासनिक तंत्र है की सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा। इसकी बानगी सोमवार को थाना यमुना एक्सप्रेस वे के माइल स्टोन ८१ पर देखने को मिली जब आगरा की ओर से आ रही एक एम्बुलेंस को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिसमे एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि तीन लोग घायल हो गए। हादसे के बाद दो-दो लाशें एम्बुलेंस में पड़ी रही घायल मदद के इंतजार में दर्द से करहाते रहे लेकिन एक्सप्रेस वे प्रशासन तीन घंटे तक मदद के लिए घटनास्थल पर ही नहीं पंहुचा। मानवता शर्मसार हो गयी।

बताया गया कि कपूरथला (पंजाब) के रहने वाले अमरीक को ५ दिन पूर्व कानपूर पुलिस द्वारा सूचना दी कि उनके पिता जैमल सिंह घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। कई साल पूर्व गुम हुए अपने पिता के मिलने की खबर पर अमरीक और उसके परिवार में खुशी की लहर छा गयी  और अमरीक अपनी माँ अजीत कौर के साथ अपने पिता को लेने कानपुर जा पहुँचा लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था। कानपूर पहुंचने पर स्टेशन पर उतरने के बाद उसकी माँ अजित कौर की ह्दय गति रुकने से वहीं पर मौत हो गयी। जिससे अमरीक दंग रह गया। अमरीक ने जैसे तैसे अपने आप को संभाला और माँ के शव को लेने के साथ ही पिता को अस्पताल से छुट्टी कराकर एम्बुलेंस में सवार हो कपूरथला के लिए रवाना हो लिया लेकिन वक्त को तो कुछ और ही मंजूर था।

मुसिबत अमरीक का पीछा ही नहीं छोडऩा चाह रही थी। इसके बाद जब वह एम्बूलेंस से अपनी ४३ वर्षीय माँ अजीत कौर के शव को लेकर पंजाब जा रहा था, उसी दौरान थाना सुरीर क्षेत्र स्थित माइल स्टोन ८१ पर सोमवार सुबह ५ बजे के आसपास उनकी एम्बुलेंस को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे में उसके पिता की भी मौत हो गयी और अमरीक तथा ड्राइवर और क्लीनर गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने के तीन घंटे बाद एक्सप्रेस वे के सुरक्षाकर्मी और इलाका पुलिस एवं मांट टोल चौकी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया।

दम्पत्ति का पुत्र अमरीक चीख-चीखकर अपने माता पिता के शव को अपने गांव कपूरथला पंजाब ले जाने की गुहार लगा रहा था लेकिन पुलिस और सुरक्षा कर्मी तमाशा देखते रहे किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। पुलिस द्वारा मानवता को शर्मसार करने वाली यह हरकत यहीं नही रूकी इसके बाद पुलिसकर्मी क्रेन की मदद से एंबुलेंस और उसमे रखे अमरीक के माता-पिता के शवों को खींचकर मांट टोल की तरफ ले जाने लगी लेकिन उसी दौरान मीडिया कर्मियों ने यमुना एक्सप्रेस वे के नोडल अधिकारी अनिल सिंह को फोन पर घटना की जानकारी दी। बाबजूद इसके ३ घण्टे बीत जाने के बाद भी एक्सप्रेस वे सुरक्षाकर्मी और पुलिस तमाशा देखती रही लेकिन दोनो शवो को उसके गांव तक भेजने की कोई व्यवस्था नहीं थी।

यमुना एक्सप्रेस वे के नोडल अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि उन्हें अभी घटना की जानकारी उपलब्ध हुई तथा पीडि़त की मदद के लिए घटना स्थल पर एम्बुलेंस भेजी जा रही है। दोनों शवों को मथुरा टोल लाया जाएगा उसके बाद प्राइवेट एम्बुलेंस से पीडि़त के गांव भेजने की व्यवस्था की जाएगी। करीब ९ बजे एक्सप्रेस वे ने एम्बूलेंस की व्यवस्था की और इसके बाद पीडि़त पुत्र बिना पोस्टमार्टम कराए अपने माता-पिता के शवों को लेकर पंजाब के लिए रवाना हो सका।

उधर इस संबध मे थाना प्रभारी सुरीर जीपी सिंह से बात की गई तो वह हादसे के बारे मे गोलमोल जबाव देते रहे।

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