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हर मनोकामना पूरी करती हैं मां शीतला वाली माता, नवरात्र में रहती है सबसे ज्यादा भीड़

Update: 2017-04-01 00:00 GMT

पत्थरों से घर बनाकर माता से मांगते हैं मुराद
प्रशांत शर्मा/ग्वालियर|
कहा जाता है जो भक्त मां शीतला वाली मां के दर्शन करता है उन सभी भक्तों की बिना कहे ही मां सभी मनोकामना पूरी करती है। नवरात्रों पर यहां भक्तों की लंबी -लंबी कतारें लगी रहती हैं।  यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से मां के दरबार में पहुंचकर पूजा अर्चना करता है, तो मां शीतला उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती हैं। शहर से करीब 17 किलोमीटर दूर सांतऊ गांव में शीतला माता का लगभग 400 साल पुराना मंदिर है। जहां मां शीतला की मूर्ति विराजमान है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां लोग जो भी मांगते हैं, मां उसे पूरा कर देती है।  नवरात्र में मां शीतला के दरबार में हर साल लोग अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं और चैत्र व शारदीय नवरात्र के दौरान इस सिद्ध पीठ में मां की पूजा अर्चना का विशेष फल मिलता है। मंदिर में दर्शन करने वाले भक्त मां शीतला के दर्शन करने के बाद वहां पर मुरम व पत्थरों से घर बनाकर माता से मुराद मांगते हैं कि उनका घर भी ऐसा ही हो।

पहले मंदिर पर शेर भी आते थे:- सांतऊ में रहने वाली भीम गुर्जर ने बताया कि  मां शीतला लगभग 400 साल से भक्तों की सभी मुराद पूरी करती आ रही हैं। उन्होनें बताया पहले यहां घना जंगल हुआ करता था। जिसके चलते कई बार इस मंदिर पर शेर भी देखे गए हैं। हालांकि यह दुर्लभ नजारा बहुत कम लोगों ने ही देखा है।

नवरात्र के अलावा सोमवार को भी पहुंचते हैं भक्त:- नवरात्र के दिनों के अलावा भी मां शीतला वाली माता मंदिर पर शहर व अन्य गांवों से भक्त सोमवार को मां शीतला के दर्शन के लिए पहुंचते हंै। वैसे माता को मावे का भोग लगाया जाता है। लेकिन अष्टमी के दिन मां शीतला को ठंडे पकवान का भोग लगाया जाता है।  

पैदल पहुंचते हैं मां के दरबार में भक्त:- इन दिनों चैत्र नवरात्र के दिनों में मां शीतला के मंदिर पर  मां के दर्शन करने के लिए भक्त शहर से मां के दरबार तक पैदल पहुंच रहे हैं। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है वह तो लेटकर मंदिर तक पहुंचते हैं।

माता के दरबार में लगती है नारियल से अर्जी
शीतला वाली माता के मंदिर में भक्तों को अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचकर अर्जी लगाते हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में अर्जी लगाने से मनोकामना की पूर्ति होती है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदिर में नारियल के साथ अपनी मनोकामना की अर्जी लगाते हैं। जिसमें श्रद्धालु नारियल के साथ सुपारी के साथ अपनी अर्जी की पर्ची रखते हैं, जिसके बाद यह अर्जी माता के दरबार में पहुंचती है व भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। वहीं कुछ भक्त तो कलावे की गाठ बांधते हैं। वहीं श्रद्धालु बताते हैं कि जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तब वे मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

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