सूरज प्यारा चंदा प्यारा।
धरती कितनी प्यारी है।।
इन सबसें भी अलग हमारी।
मॉ तू सबसें प्यारी है।।
मॉ जैसा दूजा न कोई।
ममता का कोई अंत नही।।
बालक को दिल में बिठाए।
प्यार का कोई अंत नही।।
गलती पर वह क्रोधित होती।
क्रोध भी उसका प्यार है।।
कई युगों तक प्रीति हमारी।
मॉ तू सबसें प्यारी है।।
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दीपा घेंघर