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आडवाणी सहित 13 नेताओं को झटका

Update: 2017-03-07 00:00 GMT

बाबरी मामला
नई दिल्ली|
  बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी समेत 13 नेताओं पर फिर से आपराधिक साजिश का मामला चल सकता है। उच्चतम न्यायालय ने ये संकेत देते हुए कहा कि महज टेक्नीकल ग्राउंड पर इन्हें राहत नहीं दी जा सकती। इस मामले में मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और भाजपा और विहिप के नेता शामिल हैं। न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने कहा कि विवादित ढांचा गिराये जाने की घटना के बाद दर्ज 2 प्राथमिकी से संबंधित मामलों पर संयुक्त सुनवाई करने का आदेश देने का विकल्प भी है।

पीठ ने कहा कि तकनीकी आधार पर 13 व्यक्तियों को आरोप मुक्त किया गया था। न्यायालय ने पूछा कि रायबरेली में चल रहे बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे मामले की सुनवाई को क्यों न लखनऊ ट्रांसफर कर दिया जाए, जहां इसी से जुड़े एक मामले की सुनवाई पहले से ही चल रही है। शीर्ष अदालत ने इस प्रकरण से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से ये टिप्पणियां की और फिर इसे 22 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

आरोपियों के वकील  ने किया विरोध
हालांकि, दोनों प्राथमिकियों को एक में मिलाने का आरोपियों के वकील ने विरोध किया और कहा कि दोनों मामलों में अलग-अलग व्यक्ति आरोपी हैं और इनके मुकदमों की सुनवाई अलग-अलग स्थानों पर काफी आगे बढ़ चुकी है। वकीलों का कहना था कि इन मामलों की संयुक्त सुनवाई का मतलब नए सरे से कार्रवाई शुरू करना होगा। इस मामले में आडवाणी, जोशी और उमा भारती सहित 13 व्यक्तियों को आपराधिक साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया गया था। इस मामले की सुनवाई रायबरेली की विशेष अदालत में हो रही है। दूसरा मामला अज्ञात ‘कारसेवकों’ के खिलाफ है जो विवादित ढांचे के इर्द-गिर्द थे और इस मुकदमे की सुनवाई लखनऊ में हो रही है।

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