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रेलवे का एक नियम जो कर सकता है यात्रा के समय परिवार से दूर

Update: 2017-03-21 00:00 GMT

ग्वालियर। रेलवे आरक्षण प्रणाली का एक नियम यात्री की जरा सी चूक के कारण यात्रा के दौरान उसे परिवार से दूर कर सकता है। हो सकता है यात्री की एक ही क्रम में कंफर्म टिकट होने के बाद भी पति, पत्नी और बच्चे अलग-अलग कोच में बैठ जाएं। कई यात्रियों के साथ ऐसा हो चुका है। ये सब रेलवे की टिकट अपग्रेड प्रणाली के कारण हो रहा है। इस प्रणाली में यदि एसी कोच में सीटें खाली हैं तो क्रमानुसार स्लीपर कोच के यात्रियों को इसमें बिना कोई अतिरिक्त चार्ज लिए अपग्रेड कर दिया जाता है। रेलवे का कहना है कि आरक्षण फार्म भरते वक्त यात्रियों से इस सुविधा का उपयोग करना है या नहीं पूछा जाता है, बिना सहमति के अपग्रेडेशन नहीं होता है। जागरूकता के अभाव में यात्री पूरा फार्म पढ़ते नहीं हैं और उनकी ये चूक कई बार भारी पड़ जाती है।

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए ही रेलवे ने अपग्रेडेशन प्रणाली तो शुरू की है पर यात्रियों से यह नहीं पूछा जाता है कि उसे ये सुविधा चाहिए या नहीं। जिसके चलते कई यात्रियों को समस्याएं भी आई हंै। हालांकि आरक्षण कार्यालय में बुकिंग लिपिक आरक्षण कराने वाले यात्रियों से आरक्षण फार्म पर मोबाइल नम्बर भी लिखवाते हैं।  

क्या है आॅटो अपग्रेडेशन स्कीम और क्यों शुरू हुई है
रेलवे ने अपने द्वितीय क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को एसी में यात्रा कराने की इच्छा से ये आॅटो अपग्रेडेशन योजना शुरू की थी। मंशा यह है कि यदि सीट खाली जा रही हैं तो नियमित यात्री उसी पैसे में एसी की यात्रा कर सकें। हालांकि ये स्थिति सामान्य सीजन में लाभकारी होती है जब यात्रियों की भीड़ ट्रेनों में कम होती है।

समस्या से बचना है तो ये करें यात्री
*आरक्षण फार्म पूरी तरह पढ़ें और खुद उसे भरें।
*फार्म पर ऊपर से तीसरे नम्बर पर रेलवे ने बोल्ड अक्षर में टिकट अपग्रेड सुविधा के बारे में लिखा है उसे जरूर पढ़ें।
*यदि आप टिकटों का अपग्रेड चाहते हैं तो बाक्स में हां लिखें।
*यदि आप अपग्रेड सुविधा नहीं चाहते तो बाक्स में नहीं जरूर लिखें।
*यदि आपने इस बाक्स को खाली छोड़ दिया है तो ये स्वत: ही हां माना जाएगा, इसलिए सुविधा नहीं चाहिए तो नहीं जरूर लिखें।
*अपग्रेड सुविधा चाहते हैं तो फार्म पर आपका व्यक्तिगत मोबाइल नम्बर लिखें, इसी पर एसएमएस से आपको रेलवे सूचना देगी।
*यदि एसएमएस नहीं भी आया है तो कोच में बैठने के पहले चार्ट जरूर देखें।

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