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भारतीय महिला बैंक का हुआ स्टेट बैंक में विलय

Update: 2017-03-21 00:00 GMT


नयी दिल्ली।
भारत सरकार ने भारतीय महिला बैंक का देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक में विलय करने का निर्णय लिया गया है। और आधिकारिक जानकारी के अनुसार, केन्द्र सरकार हर वर्ग, विशेषकर महिलाओं की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के प्रति कटिबद्ध है और इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महिलाओं के साथ ही महिला केन्द्रित उत्पादों को बड़े नेटवर्क एवं कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुए बीएमबी का स्टेट बैंक में विलय किया जा रहा है क्योंकि स्टेट बैंक का नेटवर्क बहुत बड़ा है।

इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय महिला बैंक ने तीन वर्ष में महिलाओं को 192 करोड़ रुपए का ऋण दिया है जबकि स्टेट बैंक ने उन्हें 46 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया है। स्टेट बैंक की 20 हजार से अधिक शाखाएं हैं और वह महिलाओं को कम दर पर ऋण उपलब्ध करा रहा है। स्टेट बैंक के करीब दो लाख कर्मचारियों में से 22 फीसदी महिलाएं हैं और उसकी 126 शाखाएं पूरी तरह से महिला शाखा है जबकि बीएमबी की इस तरह की सिर्फ सात शाखाएं है। बयान में कहा गया है कि सरकार सभी की, विशेषकर महिलाओं की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है और इसके लिए कई कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत ओवरड्रॉफ्ट सुविधा में भी महिलाओं को वरीयता दी गई है। इसके साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पिछले वित्त वर्ष में ऋण लेने वालों में 73 फीसदी महिलाएंं थी।

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