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आपको वोट दें आखिर क्यों, पर हुआ विचार

Update: 2017-02-05 00:00 GMT

आगरा| देश में सुधारो दौर चल पड़ा है। नोटबंदी, आर्थिक सुधार, डिजिटल इंडिया, निष्प्रयोज्य कानूनों को खत्म करने तथा चुनाव सुधान में भी नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं, लेकिन इन सुधारों को किए जाने के लिए कानून और नियम बनाने वाली सरकार, विभिन्न राजनीतिक संगठन और उनके नेता खुद में सुधार करने को अभी तैयार नहीं है। राजनैतिकद दलों के लिए बड़ी राशियों को 2 हजार की कई कई रसीदों में बांट कर घल्लू धारा करने की पूरी गुंजाइश कानून में रखी गई है। यह विचार हैं होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आगरा के। दिल्ली गेट स्थित होटल गोवर्धन में एसोसिएशन की बैठक हुई, जिसमें आपको वोट दें आखिर क्यों विषय पर वार्ता हुई।

एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि पर्यटन उद्योग पिछले कई चुनावों से राजनैतिक दलों और उनके नेताओं में समाज के प्रति जिम्मेदारी, शुचिता और व्यवस्था में सुधार करने को पर्यटन मंच लगाकर आपको वोट दें, आखिर क्यों के वाक्य के साथ प्रत्याशियों से उनके वादे, उनके इरादे तथा उन वादों और इरादों को जमीन पर उतारने की समय सीमा का उल्लेख करते हुए शपथ पत्र लेकर जन जागरुकता कार्यक्रम करता रहा है, लेकिन इधर देखने में आ रहा था कि विभिन्न् दलों के प्रत्याशी शपथ पत्र देकर भी इस निरंकुश और बेशर्म व्यवस्था का अंग बन जाते हैं और जनता व उद्योग के उत्थान की कोई चिंता उन्हें नहीं रहती है।

 ऐसे में पर्यटन उद्योग ने इस वर्ष पर्यटन मंच न लगाकर इससे आगे बढऩे का निर्णय किया है। अब राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों को जनता से उनके किए वादों को पूरा करने के लिए बाध्य कैसे किया जाए, इस पर संघर्ष किया जाएगा।

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