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आपका मत करेगा आपके सपनों के भारत का निर्माण-नारायण दास अग्रवाल

Update: 2017-02-11 00:00 GMT

मथुरा। स्वतंत्रता के पश्चात् भारत देश की प्रगति का एक प्रमुख कारण रहा है, हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था। चुनाव चाहे केन्द्र सरकार के लिए हों या पंचायत के लिए, हमेशा हमें हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने का अवसर प्रदान करते हैं।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने अपने बयान में यह विचार व्यक्त करते हुए भारतवासियों से आग्रह किया कि वो बढ़-चढक़र मतदान करें एवं हमारे अपने भारत देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मतदाता को यह जानना जरूरी है कि उसके मत से ही देश और राज्य के साथ-साथ गांव की सरकारें बनती हैं. मतदाता लोकतंत्र की रीढ़ होते हैं, लेकिन अपने बहुमूल्य मत की ताकत को नहीं जानने के कारण मतदाता स्वतंत्र मतदान नहीं कर पा रहे हैं. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हैं और हम अपने मत द्वारा ही अपने सपनों के भारत का निर्माण कर सकते हैं।

हमारा एक वोट प्रदेश में किसी नेता का केवल हार-जीत ही तय नहीं करता, बल्कि सरकार बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
मसलन लोकतंत्र के इस यज्ञ में वोट आहूति की तरह है। उनका कहना है कि पहले अपनी जिम्मेदारी निभाइए और उसके बाद आवाज उठाइए। क्योंकि बदलाव तभी होगा जब आप अपने आप को बदलेंगे और वोटिंग के अपने अधिकार का सही इस्तेमाल करेंगे। 11 फरवरी को अपना अधिकार दिखाइए, घर से निकलिए और नए सेवरे का आगाज करिए।

जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने अपने बयान में यह विचार व्यक्त करते हुए भारतवासियों से आग्रह किया कि वो बढ़-चढक़र मतदान करें एवं हमारे अपने भारत देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

श्री अग्रवाल ने कहा कि मतदाता को यह जानना जरूरी है कि उसके मत से ही देश और राज्य के साथ-साथ गांव की सरकारें बनती हैं. मतदाता लोकतंत्र की रीढ़ होते हैं, लेकिन अपने बहुमूल्य मत की ताकत को नहीं जानने के कारण मतदाता स्वतंत्र मतदान नहीं कर पा रहे हैं. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हैं और हम अपने मत द्वारा ही अपने सपनों के भारत का निर्माण कर सकते हैं।

हमारा एक वोट प्रदेश में किसी नेता का केवल हार-जीत ही तय नहीं करता, बल्कि सरकार बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
मसलन लोकतंत्र के इस यज्ञ में वोट आहूति की तरह है। उनका कहना है कि पहले अपनी जिम्मेदारी निभाइए और उसके बाद आवाज उठाइए। क्योंकि बदलाव तभी होगा जब आप अपने आप को बदलेंगे और वोटिंग के अपने अधिकार का सही इस्तेमाल करेंगे। 11 फरवरी को अपना अधिकार दिखाइए, घर से निकलिए और नए सेवरे का आगाज करिए।


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