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करदाताओं को बड़ी राहत, 3 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री, 5 लाख रुपये तक आय पर अब केवल पांच फीसदी टैक्‍स

Update: 2017-02-01 00:00 GMT


नई दिल्ली|
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश किया। 2017-18 के बजट में केंद्र सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। इनकम टैक्स ढांचे में बदलाव करते हुए मोदी सरकार ने बजट में अब तीन लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री कर दी है। इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया गया है। तीन से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने अपने शुरुआती बजट भाषण में नोटबंदी को सरकार का एक साहसिक कदम बताया और कहा कि इससे दशकों से जारी कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रित हो गई है। निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में शामिल प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

देश के इतिहास में पहली बार बजट तय समय से करीब एक महीने पहले पेश हो रहा है। इस बार रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश हो रहे हैं, जबकि 1924 से ही रेल बजट अलग पेश होने की परंपरा रही है। इस बजट से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। आम लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सीसी के तहत कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद है तो उद्योग जगत को कॉर्पोरेट कर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क में सुधार की उम्मीद है। इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को भी पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे नोटबंदी के कारण प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के कारण आर्थिक गतिविधि में शिथिलता अस्थायी है और इसका प्रभाव अगले वित्त वर्ष पर नहीं पड़ेगा। जेटली ने लोकसभा में 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि नोटबंदी से वित्तीय बचत के प्रवाह में वृद्धि और अर्थव्यवस्था के अधिक औपचारिक होने के रूप में दीर्घस्थायी लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। जेटली ने कहा कि नोटबंदी का प्रभाव अगले वित्त वर्ष पर नहीं पड़ेगा। हमें पूरा भरोसा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर होगा। जेटली ने कहा कि नोटबंदी जनहित में लिया गया एक बड़ा और साहसिक फैसला था। इससे हमारा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) स्पष्ट और वास्तविक होगा। इस कदम से कर चोरी करने वालों से सरकार के खजाने में धन लाने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा कि बैंकों की ऋण देने की क्षमता में बढ़ोतरी इसका प्रमाण है। वित्त मंत्री ने कहा कि अधिशेष तरलता से ऋण लागत में भी कमी आएगी।

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