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यरूशलम मामला : भारत ने रखा अपना पक्ष

Update: 2017-12-08 00:00 GMT

नई दिल्ली। इजराइल द्वारा पवित्र शहर यरूशलम को अपनी राजधानी घोषित करने और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) द्वारा उसे मान्यता देने पर भारत ने अपना पक्ष रखा है। अमेरिका द्वारा इजरायल की राजधानी के रूप में यरूशलम की मान्यता पर भारत की स्थिति के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 'फिलिस्तीन पर भारत की स्थिति स्वतंत्र और सुसंगत है। यह हमारे विचारों और रुचियों के आधार पर आती है, और किसी तीसरे देश द्वारा निर्धारित नहीं है।' भारत के इजराइल और फिलिस्तीन, दोनों ही राष्ट्रों से करीबी संबंध रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में दोनों ही राष्ट्रों से भारत के मधुर संबंध कायम हुए हैं।

सारा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूएस इजराइल द्वारा यरूशलम को अपनी राजधानी बनाने के कदम का समर्थन करता है, और यरूशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देता है। इतना ही नहीं ट्रम्प के ऐलान के बाद तेल अवीब स्थित अमेरिकी दूतावास को यरूशलम स्थानांतरित करने का काम शुरू हो गया।

इजराइल ने हाल ही में पवित्र शहर यरूशलम को अपनी राजधानी घोषित कर दिया है। यरूशलम को एक पवित्र शहर माना जाता है| यहूदी, इस्लाम और ईसाई मत के अनुयायियों की इस शहर को लेकर गहरी आस्था है। 1948 में इजरायल ने आजादी की घोषणा की थी और एक साल बाद यरूशलम का बंटवारा हुआ था। बाद में 1967 में इजरायल ने 6 दिनों तक चले युद्ध के बाद पूरे यरूशलम पर ही कब्जा कर लिया था।

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