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उच्च न्यायालय ने पूछा, लहसुन सब्जी है या मसाला

Update: 2017-12-07 00:00 GMT

-जीएसटी को लेकर असमंजस

जयपुर।
जीएसटी को लेकर अब भी स्थितियां साफ नहीं हो पाई हैं। अब राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि लहसुन सब्जी है या मसाला? राज्य सरकार से यह सवाल उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका पर किया गया है। सरकार को एक हफ्ते के अंदर उच्च न्यायालय में जवाब दायर करना है। जोधपुर के भदवासिया आलू, प्याज और लहसुन विक्रेता संघ द्वारा यह याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। उच्च न्यायालय के इस सवाल के पीछे तर्क यह है कि अगर लहसुन सब्जी है तो किसान उसे सब्जी बाजार में बेचें और अगर मसाला है तो उसे अनाज बाजार में बेच सकें। सब्जी बाजार में लहसुन बेचने पर टैक्स नहीं है जबकि अनाज बाजार में लहसुन बेचने पर टैक्स लगता है। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि सरकार ने लहसुन  को सब्जी और मसाला दोनों श्रेणी में रख दिया है। सब्जी के रूप में लहसुन के बिकने पर जीएसटी नहीं लगता और मसाले के रूप में बेचा जाए तो जीएसटी लगता है। ऐसे में उन्हें लहसुन को किस श्रेणी में रखना बेचना है। अपर महाधिवक्ता श्याम सुंदर ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार ने लहसुन के कंद अनाज बाजार में बेचने के लिए राजस्थान कृषि उत्पादन बाजार एक्ट 1962 में अगस्त 2016 में संशोधन किया था। यह संशोधन किसानों के हित में था। प्रदेश में लहसुन का भारी उत्पादन होने से इसकी कीमत गिर जाती है।


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