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डॉ. घटक की मृत्यु के बाद मेडिकल कॉलेज को दान की डेड बॉडी

Update: 2017-12-30 00:00 GMT

ग्वालियर। 74 साल के डॉ. विमल घटक की मृत्यु के बाद उनकी अंतिम यात्रा श्मशान घाट की बजाय मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में पहुंची। दरअसल डॉ. घटक ने अपनी देहदान की थी और उनकी इच्छानुसार उनकी बॉडी मेडिकल कॉलेज को दान कर दी गई। उनकी डेड बॉडी से मेडिकल स्टूडेंट शरीर की संरचना को जानेंगे। देहदान से पहले उनकी आंखें भी दान कर दी गई।

डॉ. विमल घटक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं और उनकी दो बेटियां हैं। डॉ. घटक ने कुछ समय पहले अपनी बेटियों से कहा था कि उनकी मौत के बाद अंतिम संस्कार करने की बजाय डेड बॉडी मेडिकल कॉलेज में दान कर दी जाए। उनकी यह डेड बॉडी मेडिकल स्टूडेंट्स के प्रैक्टीकल के काम आएगी। इसके साथ उनकी आंखें भी दान कर दी जाएं। शुक्रवार की रात को डॉ. घटक का निधन हो गया। डॉ. घटक की मौत के बाद उनकी बड़ी बेटी ज्योति ने तुरंत मेडिकल कॉलेज में खबर की।

आंखें भी दान कीं डॉ. घटक ने

रात को एक टीम ने डॉ. घटक की आंखें निकालीं और सुरक्षित करके रख लीं। इसके बाद शनिवार की सुबह उनकी डेड बॉडी को एक एंबुलेंस से गजराराजा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में डॉ. घटक की डेड बॉडी दे गई। फिलहाल डॉक्टरों ने उनके शरीर को केमिकल से सुरक्षित कर दिया है और इस बॉडी से स्टूडेंट्स मेडिकल की स्टडी करेंगे।

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