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यात्री और माल ढुलाई में राजस्व के मामले में लक्ष्य से पिछड़ा रेलवे

Update: 2017-12-24 00:00 GMT


नई दिल्ली। भारतीय रेलवे तमाम प्रयासों के बावजूद यात्री और माल ढुलाई से आमदनी के ग्राफ को ऊपर ले जाने में असफल हो रहा है। मंत्रालय ने कम वृद्धि का कारण सड़क कनेक्टिविटी में सुधार और महत्वपूर्ण क्षेत्र में मांग की कमी को बताया है।

संसद के मौजूदा सत्र में लोकसभा में पेश रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों (2017-18) के संबंध में रेल संबंधी स्थायी समिति के 13वें प्रतिवेदन में सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई दर्शाने वाले विवरण में इस बात का उल्लेख है। समिति के अनुसार मंत्रालय सकल यातायात प्राप्तियों में वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने में समर्थ नहीं हुआ है। समिति यह महसूस करती है कि रेलवे के महत्वपूर्ण क्रियाकलापों पर राजस्व की हानि अत्यधिक चिंता का विषय है जिसके लिए रेलवे को यथासंभव शीघ्र एक चिरस्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता है। समिति ने यह भी महसूस किया कि जब सरकार मल्टी-मॉडल एकीकृत परिवहन प्रणाली शुरू करने की सोच रही है तो मंत्रालय को अपने यात्री और माल ढुलाई सेवाओं की समीक्षा करनी चाहिए ताकि अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के दौर में और अधिक व्यापार आकर्षित किया जा सके।

समिति को बताया गया कि वर्ष 2017-18 के लिए सकल यातायात प्राप्तियां (जीटीआर) का लक्ष्य 1,88,998.37 करोड़ रुपए रखा गया है जिसमें 2016-17 के संशोधित अनुमान में से 16,8433.37 करोड़ रुपए (9.8 प्रतिशत) की वृद्धि शामिल है। तथापि वर्ष 2016-17 के लिए सकल यातायात प्राप्तियों के बजट अनुमान में 12,664.8 करोड़ रुपए (6.85 प्रतिशत) की कमी करके इसे 1,72,155 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

इसके अलावा वर्ष 2016-17 में कुल यात्री आय को 48,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान पर 51012 करोड़ रुपए संशोधित करके कम कर दिया गया और 2017-18 के बजट अनुमान स्तर पर 50,125 करोड़ रुपए रखा गया है। माल आय में भी 7.65 प्रतिशत की कमी करके 2016-17 के बजट अनुमान स्तर पर 117932.75 करोड़ रुपए से 2016-17 के संशोधित अनुमान स्तर पर 108900 करोड़ रुपए कर दिया गया और 2017-18 के बजट अनुमान स्तर पर 118156.50 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार ने समिति को अपनी आमदनी बढ़ाने की योजनाओं के संबंध में बताया कि रेल मंत्रालय ने विभिन्न गैर-किराया राजस्व अवसरों जो डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं का मौद्रीकरण करने के उपाय शुरू किए हैं। रेल डिस्पले नेटवर्क लगभग 2000 स्टेशनों पर लगभग 2 लाख स्क्रीनों का एक डिजिटल स्ट्रीम नेटवर्क तैयार करेगा जो क्लाउड द्वारा नियंत्रित होगा। ये क्लाउड कंट्रोल वाली स्क्रीनें यात्रियों को अपेक्षित सूचना प्रदर्शित करने के साथ-साथ विज्ञापन भी प्रदर्शित करेंगी जिससे रेलों के लिए अत्याधिक राजस्व अर्जित होने की संभावना है।

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