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मंत्रियों की लेटलतीफी से वेंकैया नायडू नाराज

Update: 2017-12-21 00:00 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कार्यवाही शुरू होने पर मंत्री सदन में मौजूद रहें। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाने के लिए मंत्रियों के नाम पुकारे। पहला नाम पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का था लेकिन वह सदन में मौजूद नहीं थे। इसी प्रकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री गिरीराज सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू का नाम भी सभापति ने लिया लेकिन दोनों मंत्री सदन में नहीं थे।

दस्तावेज पटल पर रखवाने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि धर्मेन्द्र प्रधान एवं किरण रिजिजू सदन में आ गए। सभापति ने पुन: दोनों मंत्रियों के नाम लिए और दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने दस्तावेज सदन के पटल पर रखे। इसके बाद नायडू ने कहा संसदीय कार्य मंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्यवाही शुरू होने पर मंत्री सदन में मौजूद रहें। मंत्री समय पर सदन में न रहें या देर से आएं तो इससे व्यवस्था का क्रम बाधित हो जाता है। इस दौरान पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस सदन में उपस्थित थे और कार्य सूची में उनका नाम भी था। लेकिन दस्तावेज रखवाने की प्रक्रिया के दौरान उनका नाम छूट गया।

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