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किशोरों को आक्रामक बना सकता है वायु प्रदूषण

Update: 2017-12-21 00:00 GMT

नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में सभी भली प्रकार से अवगत हैं। अब नए अध्ययन से इससे एक और समस्या का पता चला है। इसमें आगाह किया गया है कि उच्च वायु प्रदूषण किशोरों में आक्रामक रवैये का कारण भी बन सकता है। शोधकतार्ओं के अनुसार, जहरीले सूक्ष्म कण मस्तिष्क में पहुंच जाते हैं और सूजन का कारण बनते हैं। इसके चलते मस्तिष्क के उस भाग को क्षति पहुंच सकती है जिसका संबंध भावनाओं और निर्णय लेने से होता है। अध्ययन का यह नतीजा साफ हवा और शहरी इलाकों में हरियाली की अहमियत की याद दिलाता है। अमेरिका की सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डायना यूनान के अनुसार, पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) 2.5 बाल से भी 30 गुना ज्यादा सूक्ष्म होते हैं। ये कण स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। ये सूक्ष्म कण शरीर में जाकर फेफड़ों और हृदय को प्रभावित कर सकते हैं।

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