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सीबीएसई स्कूलों की मान्यता के नियम हो सकते हैं और सख्त

Update: 2017-12-20 00:00 GMT

 


नई दिल्ली । सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) स्कूलों की मान्यता के नियमों को सरकार अब और सख्त कर सकती है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित कर दी गई है, जो सरकार को जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अलावा सीबीएसई से मान्यता लेने की प्रक्रिया को भी सरल बनाने की तैयारी है, ताकि नियमों को पूरा करने वाले स्कूलों को बगैर किसी परेशानी के ही मान्यता मिल जाए। मौजूदा समय में इसे लेकर स्कूलों को साल भर से ज्यादा की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है। स्कूलों की मान्यता से जुड़े सीबीएसई के जिन प्रमुख नियमों को सख्त किया जा सकता है, उनमें स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का शत-प्रतिशत प्रशिक्षित होना जरूरी होगा। यानी नए नियमों के तहत स्कूलों में सिर्फ ट्रेंड टीचर ही पढ़ा सकेंगे। इसके लिए स्कूलों को अब मान्यता से पहले प्रशिक्षित शिक्षकों का ब्योरा देना पड़ सकता है। आरटीई के तहत वैसे भी स्कूलों को प्रशिक्षित शिक्षक रखने जरूरी हैं। मौजूदा समय में इन नियमों को सरकारी स्कूलों में सख्ती से लागू कराया जा रहा है, लेकिन निजी स्कूल अब तक इससे बचे हुए हैं। खासकर गली-मोहल्ले में खुले स्कूलों में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। स्कूलों में दूसरी बड़ी समस्या इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है, जिससे सरकार अब अपना पीछा छुड़ा सकती है।

स्कूलों को अब इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पेश किए जाने वाले तमाम दस्तावेजों से छुट्टी मिल सकती है। इसके लिए उन्हें राज्य से हासिल की गई एनओसी देनी पड़ सकती है। सूत्रों की माने तो सीबीएसई स्कूलों के लिए सरकार ने यह पहल उस समय की है, जब इन स्कूलों को लेकर शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं। इनमें स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली मोटी फीस, एनसीईआरटी किताबों को न पढ़ाने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि कमेटी इन मुद्दों पर भी सरकार को रिपोर्ट दे सकती है।

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