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दो हजार तक के डिजिटल लेन-देन पर एमडीआर सरकार वहन करेगी

Update: 2017-12-16 00:00 GMT

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एक जनवरी से अगले दो सालों के लिए दो हजार तक के डिजिटल लेन-देन पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को वहन करने का निर्णय लिया है ताकि लोग छोटे लेन-देन के लिए नकद का इस्तेमाल न करें। 

यह सुविधा डेबिट कार्ड, यूपीआई-भीम और आधार आधारित लेन-देन तंत्र (एइपीएस) पर उपलब्ध होगी जिसके तहत सरकार बैंकों को एमडीआर राशि की प्रतिपूर्ति करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के रास्ते में एमडीआर एक समस्या रही है। लोग इसके चलते नकद लेन-देन करते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन से जुड़ी नई व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए मंत्रालय में सचिव के नेतृत्व में एक परिषद बनाई गई है। यह ध्यान रखेगी कि व्यापारी कहीं ग्राहकों को परेशान न करें। 

उल्लेखनीय है कि जब भी किसी व्यापारी से ग्राहक डिजिटल लेन-देन करता है तो व्यापारी को इस लेन-देन के लिए कुछ चार्ज देना पड़ता है। इसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट कहते हैं। ज्यादातर व्यापारी एमडीआर फीस का भार ग्राहकों पर डालते हैं। 

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