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दस वर्षों में देश की सेवा करते हुए 14415 जवानों ने प्राण किये न्योछावर

Update: 2017-12-10 00:00 GMT

लखनऊ। देश में वर्ष 2008 से लेकर इस साल बीते 01 नवम्बर तक बैटल कैजुअलटी में 1228 और फिजिकल कैजुअलटी में 13187 जवान शहीद हो चुके हैं। इस तरह पिछले 10 सालों में 14415 जवान देश की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर चुके हैं। यह जानकारी आरटीआई के तहत सामने आयी है।

आरटीआई एप्लीकेशन पर एकीकृत मुख्यालय रक्षा मंत्रालय (सेना) के लेफ्टिनेंट कर्नल और जन सूचना अधिकारी ए.डी.एस. जसरोटिया ने राजधानी लखनऊ निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा की मांगी सूचना पर यह यह जानकारी सार्वजनिक की है। संजय ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि उन्होंने यह आरटीआई अर्जी देकर पिछले 10 सालों में सेना के अंगवार यानी कि थल सेना, जल सेना और वायु सेना के ऑन ड्यूटी शहीद हुए सैनिकों की वर्षवार सूचना मांगी थी। थल सेना ने यह सूचना दे दी है जबकि जल सेना और वायु सेना से सूचना मिलना अभी शेष है।

आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि पिछले 10 सालों में बैटल कैजुअलटी में किसी एक साल में सबसे ज्यादा 311 जवान साल 2008 में शहीद हुए और सबसे कम 74 जवान साल 2013 में शहीद हुए। इस साल अब तक 81 जवान बैटल कैजुअलटी में अपनी जान गवां चुके हैं। 10 सालों में फिजिकल कैजुअलटी में किसी एक साल में सबसे ज्यादा 1530 जवान साल 2010 में शहीद हुए और सबसे कम 1250 जवान साल 2015 में शहीद हुए। इस साल अब तक 876 जवान फिजिकल कैजुअलटी में अपनी जान गवां चुके हैं। इस तरह इस आरटीआई से यह खुलासा हुआ है कि पिछले 10 सालों में किसी एक साल में सबसे ज्यादा 1720 जवान साल 2010 में ऑन ड्यूटी शहीद हुए और सबसे कम 1359 जवान साल 2013 में ऑन ड्यूटी शहीद हुए। इस साल अब तक 957 जवान ऑन ड्यूटी अपनी जान गवां चुके हैं।

इस प्रकार पिछले दस सालों में प्रतिवर्ष औसतन 123 जवान बैटल कैजुअलटी में, 1319 जवान फिजिकल कैजुअलटी में और इस प्रकार कुल 1442 जवान ऑन ड्यूटी शहीद हो रहे हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अगर साल 2016 को छोड़ दें तो साल 2012 से अब तक प्रतिवर्ष शहीद होने वाले कुल सैनिकों की संख्या पिछले 10 सालों के औसत से कम रही है।

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