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चीन को पाक से लगता है डर

Update: 2017-12-10 00:00 GMT

बीजिंग। पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध होने के बावजूद चीन को अपने नागरिकों की सुरक्षा और निवेश को लेकर भी डर सता रहा है। इन दोनों को लेकर चीन की सरकार की तरफ से ना सिर्फ आशंका जताई गई है बल्कि अपने नागरिकों को सलाहकारी तक जारी की गई है।

विदित हो कि पाकिस्तान के चरमपंथी अपने फायदे के लिए अक्सर चीनी नागरिकों को निशाना बनाते रहते हैं। शंघाई अकादमी ऑफ सोशल साइंस के अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान के शोधकर्ता हू झियोंग का मानना है कि चीन हमेशा से ही अपने नागरिकों के खिलाफ होने वाली इस तरह की आतंकी गतिविधियों का कड़ा विरोध करता रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्‍तान ने चीनत्पा-किस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) इलाके में चीन के निवेश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए करीब 15000 सैनिक तैनात किए हुए हैं।

ज्ञात हो कि इस साल की शुरुआत में सीपैक इलाके से दो चीनी नागरिकों को अगवा कर कत्‍ल कर दिया गया था। उस समय भी चीन का डर सामने आया था। चीन के डर की वाजिब वजह पाकिस्‍तान के मौजूदा सेनाध्‍यक्ष जनरल कमर जावेद के उस बयान में भी साफतौर पर झलकती है जिसमें उन्‍होंने मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्‍होंने यहां तक कहा है कि पाकिस्तान के मदरसों से केवल मौलवी और आतंकी ही पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा उन्‍होंने मदरसों को आधुनिक बनाने पर भी जोर दिया है।

चीन अपने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिम समुदाय की गतिविधियों को लेकर सशंकित रहता है। कुछ घटनाओं के बाद चीन सरकार ने उइगरों पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। उइगरों के पाकिस्तानी और अफगान आतंकी संगठनों से रिश्ते उजागर हो चुके हैं।

ऐसे में चीन को आशंका है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी माहौल में आसानी से उसके नागरिकों को निशाना बनाया जा सकता है। जून में चीन के दो नागरिकों की बलूचिस्तान प्रांत में अपहरण करके हत्या कर दी गई थी। वारदात की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी।

3 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली वन बेल्ट-वन रोड परियोजना और कुछ अन्य परियोजनाओं पर इन दिनों हजारों चीनी नागरिक पाकिस्तान में कार्य कर रहे हैं। चीन बेल्ट-रोड परियोजना के जरिये सड़क मार्ग से पाकिस्तान होकर अरब देशों और यूरोप तक पहुंचना चाहता है। लेकिन उसे अपने नागरिकों और निवेश की चिंता भी सता रही है।

पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि आतंकी निकट भविष्य में चीनी हितों को चोट पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आतंकी श्रृंखलाबद्ध हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

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