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देश का पहला कैशलेश बना यह गांव

Update: 2017-11-08 00:00 GMT


मुंबई।
नोटबंदी के बाद देश का पहला कैशलेश गांव बना महाराष्ट्र का धसई गांव। आप यहां अपने कार्ड से एक रुपए की चॉकलेट खरीद सकते हैं और लांड्री पर कपड़े भी धुलवा सकते हैं। सब्जी और दूध वाले के पास भी यहां स्वाइप मशीन है। जनधन योजना जब शुरू हुई तो तब यहां से सभी लोग इस योजना से जुड़ गए थे और अब सभी के खाते तो है ही साथ ही सभी के पास एटीएम और मोबाइल भी है। अब इस गांव के लोग व्यापारियों से लेकर सब्जी वाले तक को एटीएम कार्ड से पैसे का भुगतान करते हैं। लोगों की जेब में रुपया नहीं होता बस कार्ड होता है।

ठाणे जिले के धसई गांव के 15 हजार  निवासियों ने नकद लेन-देन को खत्म करने का फैसला करके एक नई मिसाल पेश की है। इस गांव के हर घर के सभी वयस्क सदस्यों के पास कार्ड है और गांव में कम से कम 40 कार्ड स्वाइप मशीनों है। गांववाले नाई से लेकर डॉक्टर तक को एटीएम कार्ड से भुगतान करते हैं।  उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना का मुख्य उद्देश्य भारत की वित्तीय सेवाओं जैसे बैंकिंग, पैसे के लेन-देन , लोन, बीमा और पेंशन को उपयोगी और सुविधाजनक बनाना था। इस अभियान को अगस्त 2014 में शुरू किया गया था, जिसमे अब तक लगभग 25.68 करोड़ जन धन खातों में 72,834.72 करोड़ रुपये जमा हुए हैं यह अपने आप में एक बड़ा कदम था।

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