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मनमोहन सिंह ने कहा - नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को लगा दोहरा झटका

Update: 2017-11-07 00:00 GMT

अहमदाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रखर अर्थशास्त्री डा. मनमोहन सिंह ने मंगलवार को ‘नोटबंदी’ की सालगिरह की पूर्व संध्‍या पर गुजरात के अहमदाबाद में बड़ा बयान देते हुए 8 नवम्बर को भारत की अर्थव्‍यवस्‍था के लिए काला दिन करार दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार बहुत सारे गलत निर्णय लेकर आम जनता को मुश्किल में डाल रही है । नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश मेें टैक्स मेरिज्‍म’ जैसी परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। मोदी सरकार के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट पर भी उन्‍होंने निशाना साधा और करारा हमला करते हुए कहा कि ‘बुलेट ट्रेन चलाने का फैसला गुरूर के चलते लिया गया था।’

उन्‍होंने कहा कि पिछले साल 8 नवम्बर को ‘नोटबंदी’ की बात सुनकर झटका लगा था और इससे जीडीपी में भी बड़ी गिरावट दर्ज हुई हैं। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए ‘नोटबंदी’ का फैसला किया जिससे गरीब किसान, कारोबारी परेशान हुए, निवेशकों में टैक्‍स टेरेरिज्‍म का खौफ बढ़ा और कालेधन के असली गुनहगार पकड़ने में भी सरकार के लिए यह फायदे का सौदा साबित नहीं हुआ।

अहमदाबाद में व्यापारियों के साथ बैठक करने के बाद कांग्रेस भवन में मनमोहन सिंह ने नर्मदा मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री था तब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री हुआ करते थे। नर्मदा के मुद्दों पर उन्होंने कभी मेरे साथ मुलाक़ात या मीटिंग नहीं की। जब नर्मदा योजना के लिए वर्ल्ड बैंक ने लोन देने से मना किया था तब मैं वित्त मंत्री था। उस समय नर्मदा योजना के लिए पैसा मेरे द्वारा आवंटित किया गया था।

व्यापारियों के साथ हुई चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमन्त्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का नोटबंदी का निर्णय सकारात्म असर छोड़ने में विफल हो गया है। मैं तो मानता हूं कि 8 नवम्बर को नोटबंदी के काले दिन के तौर पर मनाना चाहिए। गुजरात ने देश को दो महान गण्यमान्य व्यक्ति महात्मा गांधी और सरदार बल्लभ भाई पटेल के रूप में दिये।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कई निर्णय गलत हैं। प्रधानमंत्री को नोटबंदी की सलाह किसने दी थी? ब्लैक मनी के गुनहगार अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। मैं नोटबंदी के विरोध में खड़ा था। दिमाग में ‘नोटबंदी’ की दवाई के उल्टा असर होने के कारण दिमाग की हालत बिगड़ गयी है। जीएसटी एक जल्दबाजी में लिया गया मनमाना निर्णय है। नोटबंदी की वजह से व्यापार धंधा चौपट हो गया है। जीएसटी के कारण छोटे छोटे व्यापारियों ने बिजनेस छोड़ दिया है ।उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से छोटे कारोबार की कमर टूट गई और अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा है। मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी से नौकरियों पर भी असर पडा है। 


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