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अब गरीबों के लिए नि:शुल्क पैरवी करेंगे वकील

Update: 2017-11-06 00:00 GMT

भोपाल। न्यायालय में न्याय पाने के लिए खर्चीली कानूनी प्रक्रियाओं से जूझ रहे आर्थिक रूप से अक्षम लोगों के लिए यह खबर राहत भरी है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय की पहल पर प्रो-बोनो लीगल सर्विस यानी निस्वार्थ विधिक सेवा से प्रभावित होकर अब प्रदेश के अधिवक्ताओं ने भी नि:शुल्क कानूनी मदद देने का मन बना लिया है। इस सेवा में अभी तक तीन सौ ज्यादा वकीलों ने प्रो-बोनो सर्विस के पोर्टल पर अपना नाम दर्ज कराया है। इस सर्विस के तहत सेवाएं देने वाले वकील को इस वेबसाइट में अपनी विशेष योग्यता और विशेष विषय से संबंधित मुकदमों की पैरवी के लिए रुचि बतानी पड़ती है। इस में उसकी शैक्षणिक, न्यायिक कार्यों के दस्तावेजों का आंकलन किया जाता है।

वकील के आसपास पहुंच योग्य स्थान के निवासी गरीबों के पक्षकारों की उपलब्ध जानकारी के आधार पर गठित कमेटी संबंधित वकील को ऐसे पक्षकारों की सूची व उनके मामलों की संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध कराती है। इसके बाद वकील को प्रो-बोनो सेवा के तहत मुकदमा दिया जाता है। केंद्र सरकार ने इसके लिए वेबसाइट बनाकर वकीलों को अपना डेटा अपलोड करने के लिए कहा था। इस काम में अपनी सेवा देने वाले वकीलों को भविष्य में न्यायिक अधिकारी के पदों पर नियुक्ति के समय वरीयता दी जाएगी।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इसी साल अप्रैल में प्रो-बोनो लीगल सर्विस की पहल की थी।समाज के अंतिम छोर तक न्याय दिलाना इस सेवा को शुरू करने का मकसद है और इसमें सेवाएं देने के लिए देश भर के वकीलों से अपील की गई थी। इसमें नाम दर्ज होने के बाद वकील गरीबों की पैरवी कर सकेंगे। केंद्र सरकार के कानून मंत्रालय ने इसके लिए अलग वेबसाइट बनाकर इसमें वकीलों को अपना डेटा अपलोड करने के लिए कहा था।

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