SwadeshSwadesh

राधामोहन ने कहा - छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने पर काम कर रही एसएफएसी

Update: 2017-11-30 00:00 GMT

नई दिल्ली। लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) से संबंधित वीसीए स्कीम को लकेर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को कृषि उद्यमियों से उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिल रही है और इससे संबंधित अधिकांश मामले पाइपलाइन में हैं। यहां लघु कृषक कृषि व्यापार संघ के प्रबंधन बोर्ड की 22वीं बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि एसएफएसी एक विशेष प्रकार की समिति है जो कृषि व्यापार क्षेत्र को विकसित करके छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।

गुरुवार को यहां लघु कृषक कृषि व्यापार संघ के प्रबंधन बोर्ड की अध्यक्षता करते हुए राधामोहन सिंह ने एसएफएसी के क्रिया कलापों से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों द्वारा वीसीए योजना के तहत सभी कृषि व्यापार इकाईयों से संबंधित प्रस्तावों की सिफारिश अधिसूचित एसएफएसी को दी गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रचार एवं जागरूकता शिविरों के प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने इस बात का खासतौर पर जिक्र किया कि इन शिविरों का आयोजन संपूर्ण भारत में वीसीए स्कीम को प्रचारित करने के उद्देश्य से एसएफएसी द्वारा किया गया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि एसएफएसी ने एफपीओ, बैंकरों, नाबार्ड, लाइन विभागों, एफपीओ के सदस्यों और आरआई की बेहतर रूपरेखा प्रस्तुत करने और वीसीए स्कीम को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम चलाया है।

मत्स्यपालन क्षेत्र में भी एफपीओ शुरू किया जा रहा है और प्रमुख मछली उत्पादक राज्यों में 21 मछली किसान निर्माता संगठनों (एफएफपीओ) के गठन से जुड़े एक पायलट परियोजना को प्रस्तुत किया गया है। पूर्वात्तर क्षेत्र के लिए लघु किसान कृषि व्यापार मंच (एसएफएसी) और मसाला बोर्ड निमित्त पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के साथ मिलकर सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में मसाला आधारित एफपीसी गठित करने की योजना पर कार्य कर रहे हैं।

सिंह ने कहा कि एसएफएसी ने एफपीसी के निदेशक मंडल और कार्यकारी अधिकारी के लिए आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, एफपीसी के व्यावसायिक संचालन केन्द्र, राज्य सरकार के संयुक्त कार्यक्रमों के जरिए संबंधित अवसंरचनाओं का सुदृढ़ीकरण, मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों का संवर्धन और ईपीसी से संबंधित उर्वरक डीलरशिप जैसी कई नई पहलें शुरू की हैं ।

उल्लेखनीय है कि एसएफएसी ने दिल्ली किसान मंडी के रूप में राजधानी में एक विशेष मंच उपलब्ध कराया है। यह सितंबर 2014 से चल रही है और अक्तूबर 2017 की स्थिति के अनुसार दिल्ली किसान मंडी के जरिए 23347.419 मीट्रिक टन ताजे उत्पादों का विक्रय किया गया है जिसकी कीमत 3482.549 लाख रुपये है।

 

Similar News